Indore : 350 करोड़ के BRTS पर 350 करोड़ रुपए का एलिवेटेड, रेसीडेंसी पर अफसरों ओर जनप्रतिनिधियों के बीच हुई चर्चा

Suruchi
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विपिन नीमा

इंदौर। एबी रोड पर साढ़े तीन सौ करोड़ रु के बीआरटीएस कॉरिडोर पर साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए की लागत से ही शहर का सबसे लंबा एलआईजी से नवलखा एलिवेटेड कॉरिडोर बनाना तय हुआ था , चार साल गुजरने के बाद फिर से ब्रिज बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है। इसी प्रोजेक्ट को लेकर सोमवार दोपहर को रेसीडेंसी पर अफसरों और जनप्रतिनिधियों की बैठक हुई। बैठक में अलग अलग सुझाव आए है।

आर्किटेक्ट को फिर से नया डिजाइन बनाने को कहा गया है। डिजाइन बनने के बाद फाइनल बैठक होगी , जिसमे तय होगा कि बीआरटीएस के ऊपर किस तरह से ब्रिज तैयार करना है। सरकार ने ब्रिज बनाने की जिम्मेदारी PWD को सौंपी है। विभाग ने ब्रिज की कागजी कार्रवाई लगभग पूर्ण कर ली है। बताया गया है कि ब्रिज लेट इसलिए हो गया , क्योकि जनप्रतिनिधियों ने बीआरटीएस को भी ऊपर चलाने की मांग की थी, जिसके बाद योजना खटाई में पड़ गई क्योंकि इसमें बजट बढ़ना था।

बीआरटीएस का क्या होगा कुछ उठते सवाल

एबी रोड पर 350 करोड़ रु की लागत से बना BRTS कॉरिडोर के ऊपर एलिवेटेड कॉरिडोर बनना प्रस्तावित है। अगर ब्रिज बना तो कॉरिडोर का संचालन कैसे होगा। कुछ बिंदु है –

◆ जब एलिवेटेड ब्रिज का निर्माण शुरू होगा तब बसों का संचालन कैसे होगा।
◆ ब्रिज को खड़ा करने के लिए पिलरो को कॉरिडोर के भीतर खड़े करना पड़ेंगे ।
◆ ऐसी स्थिति में आई बसों का संचालन कैसे होगा , क्योकि जब पिलर अंदर खड़े रहेंगे तो आई बसों के आने जाने का रास्ता छोटा जाएगा।
◆ रेलिंग तो हटानी पड़ेगी, साथ ही बसों के लिए सड़क की चौड़ाई भी बढ़ानी पड़ेगी।
◆ साढे 7 किमी लंबे ब्रिज के हिस्से में बीआरटीएस के जितने भी स्टेशन आएंगे, उन्हें छोटे करना पड़ेंगे।
◆ ऐसे कई तकनीकी सवाल है, जो निर्माण के दौरान खड़े होंगे।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंजूर की ब्रिज की राशि

एबी रोड पर एलआईजी से नौलखा तक बनने वाले एलिवेटेड ब्रिज की
तैयारी तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने शुरु की थी। कमलनाथ सरकार के मंत्री रहे सज्जनसिहं वर्मा ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर ब्रिज के लिए 350 करोड़ की राशि स्वीकृत करवाई। सरकार गिरने के बाद भाजपा की सरकार ने ब्रिज की जिम्मेदारी PWD को दे दी। ब्रिज का निर्माण कब शुरू होगा , इसका जवाब अभी किसी के पास नही है। हालांकि विभाग ने टैंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है।

एलिवेटेड कॉरिडोर की प्रोजेक्ट रिपोर्ट

● ब्रिज की लंबाई – 7. 5 KM
● LIG से नोलखा तक
● 15.5 मीटर चौड़ाई 4 लेन रहेगी
● लागत 350 करोड़ रु
● पूरे ब्रिज पर 3 कट रहेंगे
— पहला गिटार चौराहा की तरफ
— दूसरा गीता भवन चौराहा की तरफ
— तीसरा शिवजी वाटिका चौराहा।
● टैंडर प्रक्रिया के तहत ब्रिज का ठेका अहमदाबाद की कंपनी को मिला है
● ब्रिज की समय अवधि 24 माह
● महत्वकांक्षी योजना की शुरुआत वर्ष 2019 में हुई थी
● 21 फरवरी 2021 में वर्क आर्डर जारी हो गए थे।
● वर्तमान स्थिति – काम अभी शुरू नही हुआ

एलिवेटेड प्रोजेक्ट से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

लोकसभा की पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन के पूर्व प्रतिनिधि राजेश अग्रवाल ने
प्रोजेक्ट से जुड़े कुछ पॉइंट बताए है वे है –
● मूलतः यह प्रस्ताव विकास प्राधिकरण ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष रखा था तब सुमित्रा महाजन लोकसभाध्यक्ष थीं।
● गडकरी ने ही प्रस्तावित योजना के लिए 350 करोड़ रु मंजूर किये थे। उस समय सज्जनसिंह वर्मा कांग्रेस सरकार मंत्री थे।
● प्रोजेक्ट के तहत आई बस भी ऊपर जानी थीं व कुछ मिक्स का ट्रैफिक भी जिसमें कार आदि शामिल थी।
● उनके अनुसार नीचे का वर्तमान बस स्टॉप हटाये जा कर फुटपाथ पर ट्रांसफर होने प्रस्तावित थे। बीआरटीएस की रेलिंग हटा कर सड़क पूर्ण चौड़ाई की बन जाती जिससे एबी रोड के ट्रैफिक से निजात मिल जाती।
● कमलनाथ सरकार में दोनों विभाग की कुश्ती में यह योजना आवास पर्यावरण विभाग के हाथों से निकल कर लोक निर्माण विभाग में चली गयी और पूर्ण रूप से परिवर्तन कर दी गयी।
● बीआरटीएस ऊपर जाए बिना शहरी यातायात की बाधा खत्म नहीं होगी
● साथ ही वर्तमान व्यवस्था में बसों को हर लाइट सिग्नल पर रुकना पड़ता है वह समस्या भी खत्म हो सकेगी

फिर से बनेगी ब्रिज की डिजाइन, अगली बैठक में रखी जाएगी

सोमवार दोपहर को रेसीडेंसी कोठी पर LIG चौराहे से नवलखा चौराहे के मध्य निर्मित किए जाने वाले ब्रिज को लेकर बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में एलिवेटेड कॉरिडोर ओर बीआरटीएस कुछ संशोधन करने के लिए जनप्रतिनिधियों ने सुझाव दिए है। बैठक में जो सुझाव आये है उसको दखते हुए आर्किटेक्ट को नई डिजाइन बनाने को कहा गया है। अगली बैठक में डिजाइन रखी जाएगी।