
सिक्किम सरकार की पहल से अब माताएं अपने शिशुओं को सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षित और सम्मानजनक तरीके से स्तनपान करा पा रही हैं। छह जिलों में लगाए गए विशेष ‘स्तनपान पॉड्स’ से उन्हें एक साफ और निजी माहौल मिल रहा है, जो अब तक उनके लिए केवल एक कल्पना थी।
गांव से शहर तक महिलाओं को राहत

गंगटोक, मंगन, नामची, सोरेंग, रंगपो और पाक्योंग में बनाए गए पॉड्स का फायदा सिर्फ शहरी महिलाओं को नहीं, बल्कि दूर-दराज़ से आने वाली ग्रामीण महिलाएं भी उठा रही हैं। विभाग का लक्ष्य अब हर जिले और उपमंडल तक इस सुविधा को पहुंचाना है।
दुखद अनुभव बना प्रेरणा
इस योजना की शुरुआत एक महिला की तकलीफ से हुई, जिसे सार्वजनिक स्थान पर स्तनपान कराने में झिझक महसूस हुई। जब अधिकारियों ने कारण पूछा तो उसने बोतल से दूध पिलाते हुए कहा कि उसे शर्म आती है। इसी जवाब ने विभाग को झकझोर दिया और 2024 से इस योजना पर काम शुरू हुआ।
फेरीवालियों और दुकानदार महिलाओं के लिए खास मदद
पाक्योंग बाजार में फेरी लगाने वाली शनी तमांग जैसी महिलाओं के लिए यह पॉड सुविधा किसी वरदान से कम नहीं। वह बताती हैं कि पहले छोटे बच्चे को शांत कराने के लिए जगह ढूंढनी पड़ती थी, अब ऐसा नहीं करना पड़ता। पॉड में वे आराम से दूध पिला सकती हैं।
समाज में सोच का बदलाव
बुजुर्ग कंचन गुरुंग ने कहा कि उनके नौ पोते-पोतियों के समय ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी। वे कहती हैं, आज की महिलाओं को जो सम्मान और सुविधा मिल रही है, वह समय की मांग थी।