Mahalakshmi Rajyog : ज्योतिष शास्त्र में ग्रह नक्षत्र की युति और उनके गोचर का सीधा असर मानव जीवन पर देखने को मिलता है। चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है और मंगल को साहस, शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक समझा जाता है।
ऐसे में जब चंद्रमा और मंगल एक साथ आते हैं तो यह एक दुर्लभ रस्जयोग का निर्माण करते हैं। दरअसल इन दोनों ग्रहों की युति से महालक्ष्मी राजयोग का निर्माण होता है। यह राजयोग धन सुख समृद्धि और वैभव प्रदान करने वाला माना जाता है।
कब बनता है महालक्ष्मी राजयोग
ज्योतिष के अनुसार जब मंगल और चंद्रमा किसी जातक की कुंडली में एक साथ विराजमान होते हैं तो महालक्ष्मी योग का निर्माण होता है। विशेष रूप से यदि यह युति नवम, दशम और एकादश भाव में हो तो अति शक्तिशाली मानी जाती है।
दरअसल 25 अगस्त को जब चंद्रमा कन्या राशि में प्रवेश करेंगे और यहां पहले से ही मंगल विराजमान है। ऐसे में चंद्रमा और मंगल की युति होने वाली है। जिसके कारण कन्या राशि में महालक्ष्मी राजयोग का निर्माण होगा। 25 अगस्त से 27 अगस्त तक यह राजयोग प्रभावी रहेगा। ऐसे में सभी राशियों के जातकों के लिए यह योग उत्तम होने वाला है। हालांकि तीन राशियों के जातकों के लिए यह सफलता कारक है।
इन तीन राशियों को मिलेगा लाभ
कन्या राशि के लिए मंगल और चंद्रमा की युति शुभ और सफलता लेकर आएगी। समाज में मान सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। कार्य में तेजी आएगी। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। लाभ के नए अवसर मिलेंगे। माता के साथ संबंधों में सुधार होगा। चली आ रही समस्या का समाधान होगा।
कर्क राशि के लिए यह समय काफी शुभ माना जा रहा है। कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। सम्मान प्राप्त हो सकता है। नई डील फाइनल हो सकती है। कारोबार में मुनाफा हो सकता है। मानसिक तनाव कम होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। परिवार के साथ अच्छा समय व्यतीत करेंगे। रिश्तो में मिठास आएगी। पत्रकारिता से जुड़े लोगों के लिए यह समय अनुकूल रहने वाला है।
कुंभ राशि के लिए यह योग आर्थिक दृष्टि से बेहद लाभकारी है। निवेश से अच्छा मुनाफा मिलेगा। नौकरी पैसा लोगों को प्रमोशन और वेतन वृद्धि का लाभ मिल सकता है। बेरोजगारों के लिए नई नौकरी के अवसर बनेंगे। करियर में रुकावट दूर होगी। प्रगति के मार्ग खुलेंगे।
Note : यह आलेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।