उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा शुरू किए गए जीरो पॉवर्टी अभियान के तहत चयनित गरीब परिवारों के सदस्यों को न केवल कौशल प्रशिक्षण से जोड़ा जाएगा, बल्कि उन्हें प्रतिष्ठित कंपनियों में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराए जाएंगे। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि यह पहल उन योजनाओं में शामिल है जो वाकई में गरीबों को आत्मनिर्भरता और सशक्तीकरण की दिशा में अग्रसर कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि यह पहल भविष्य में पूरे देश के लिए एक आदर्श मॉडल बन सकती है, जिसमें सरकार और उद्योग जगत मिलकर गरीबी के खिलाफ एक निर्णायक लड़ाई लड़ते नजर आएंगे। अभियान के पहले चरण में चयनित 300 गरीब परिवारों के मुखियाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके बाद प्रदेशभर में चिह्नित सभी लाभार्थी परिवारों के मुखियाओं को उत्तर प्रदेश कौशल विकास विभाग के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इस प्रक्रिया में लगभग एक हजार प्रशिक्षण साझेदार (ट्रेनिंग पार्टनर) भी जोड़े जाएंगे।
सात क्षेत्रों में कौशल का संबल
मुख्य सचिव ने जानकारी दी कि परिवार के मुखियाओं को ‘360 डिग्री फॉर्मूला’ के अंतर्गत बहुआयामी कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण में ऑफिस व टॉयलेट क्लीनिंग, गेस्ट अटेंडेंट, हाउसकीपिंग और हॉस्पिटैलिटी सहित सात प्रमुख क्षेत्रों को शामिल किया गया है। साथ ही, उन्हें भाषा और संवाद कौशल में भी दक्ष बनाया जाएगा, ताकि वे कॉर्पोरेट सेक्टर में आत्मविश्वास के साथ कार्य कर सकें। रोजगार सुनिश्चित करने के तहत यह भी तय किया गया है कि प्रत्येक प्रशिक्षित मुखिया को न्यूनतम ₹18,400 मासिक वेतन प्राप्त हो।