लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में राष्ट्रीय एकता दिवस का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शौर्य स्मारक से ‘रन फॉर यूनिटी’ मैराथन को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भारत माता और सरदार पटेल के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए कहा कि यदि हम सभी सरदार पटेल के दिखाए मार्ग पर चलें, तो दुनिया की कोई भी शक्ति भारत की एकता और अखंडता को चुनौती नहीं दे सकती।
562 रियासतों को एक सूत्र में बांधने का ऐतिहासिक कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रिटिश शासन की मंशा थी भारत को टुकड़ों में विभाजित करने की, ताकि देश सदा कमजोर बना रहे। उन्होंने 562 रियासतों को स्वतंत्र छोड़ने की योजना बनाई थी, लेकिन सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपनी अद्भुत दूरदृष्टि और राजनीतिक दक्षता से इन सभी रियासतों को एक-एक कर भारतीय संघ में सम्मिलित करने का ऐतिहासिक कार्य किया।
डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सरदार पटेल ने न केवल तत्कालीन भारत को एकजुट किया, बल्कि भविष्य को सुदृढ़ बनाने के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा जैसी मजबूत व्यवस्था की नींव भी रखी।
लौह पुरुष तक का प्रेरक सफर
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौर में अनेक महापुरुषों ने देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया, लेकिन सरदार वल्लभभाई पटेल का योगदान सबसे विशिष्ट रहा। एक सामान्य किसान परिवार से निकलकर उन्होंने अपनी अदम्य इच्छाशक्ति, समर्पण और असाधारण नेतृत्व क्षमता से भारत की एकता और अखंडता को सुरक्षित रखा। डॉ. यादव ने कहा कि बारदोली सत्याग्रह के उपरांत उन्हें ‘सरदार’ की उपाधि मिली, जिसके बाद उन्होंने महात्मा गांधी के प्रत्येक आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई।










