अब विदेश में पढ़ाई का सपना होगा पूरा! सरकार दे रही हैं स्कॉलरशिप, जानें कौन कर सकता है आवेदन?

मध्यप्रदेश सरकार ने अनारक्षित वर्ग के मेधावी छात्रों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय स्कॉलरशिप योजना शुरू की है, जिसके तहत हर साल 20 छात्रों को विदेश में पढ़ाई का मौका मिलेगा। योजना में ग्रेजुएशन में 60% अंक, आय सीमा 8 लाख रुपए और आयु सीमा 30–35 वर्ष निर्धारित है। सरकार ट्यूशन फीस, वीज़ा, बीमा और यात्रा सहित सभी प्रमुख खर्चों की जिम्मेदारी उठाएगी।

Srashti Bisen
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मध्यप्रदेश सरकार राज्य के छात्रों को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए लगातार नई योजनाएं ला रही है। अब सरकार ने अनारक्षित वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों के लिए एक नई अंतरराष्ट्रीय स्कॉलरशिप योजना शुरू की है, जिसके तहत हर वर्ष 20 छात्रों को विदेश में पढ़ाई के लिए भेजा जाएगा। यह योजना उन छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं।

कौन कर सकता है आवेदन?

इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ जरूरी शर्तें निर्धारित की गई हैं:

  • छात्र को ग्रेजुएशन में कम से कम 60% अंक प्राप्त होने चाहिए।
  • आवेदन करने वाले छात्र का परिवारिक वार्षिक आय 8 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • चयन प्रक्रिया मेरिट लिस्ट के आधार पर की जाएगी, जिससे केवल योग्य और होनहार छात्रों को ही अवसर मिलेगा।

आयु सीमा

  • स्नातकोत्तर (Post Graduation) के लिए अधिकतम उम्र सीमा 30 वर्ष तय की गई है।
  • पीएचडी (PhD) के लिए अधिकतम उम्र 35 वर्ष रखी गई है।

आवेदन प्रक्रिया: कैसे करें अप्लाई?

इच्छुक छात्र इस स्कॉलरशिप के लिए ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं:

  • सबसे पहले मध्य प्रदेश सरकार की उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर जाएं:
    https://highereducation.mp.gov.in
  • वेबसाइट पर जाकर स्कॉलरशिप योजना से संबंधित फॉर्म को भरें और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
  • छात्र साल में दो बार इस स्कॉलरशिप योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • एक परिवार से केवल एक छात्र को ही इस योजना का लाभ दिया जाएगा।

क्या-क्या मिलेंगे लाभ?

इस योजना के अंतर्गत छात्र को पढ़ाई के लिए मिलने वाले लाभों की सूची बेहद आकर्षक है:

  • ट्यूशन फीस का पूरा भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
  • वीज़ा शुल्क, बीमा, वायुयान किराया, और अन्य आवश्यक खर्चों के लिए भी सरकार वित्तीय सहायता देगी।
  • अतिरिक्त खर्च की राशि प्रत्यक्ष रूप से छात्र के बैंक खाते में जमा की जाएगी।