इंदौर, जो पहले से ही अंगदान के क्षेत्र में अग्रणी रहा है, ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है। यहां 24 वर्षीय युवक सुनील राजपूत, जो एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे, उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था। उनके परिवार ने इस नेक कार्य में भाग लेने का निर्णय लिया और उनके अंगों को जरूरतमंद लोगों को दान करने की सहमति दी।
इस सराहनीय पहल के तहत, इंदौर में 56वां ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया, जिसके माध्यम से सुनील के अंगों को अहमदाबाद और इंदौर के विभिन्न अस्पतालों में जरूरतमंद रोगियों तक पहुंचाया गया। इस अंगदान से पांच लोगों को नई जिंदगी मिली, जिनमें अहमदाबाद में हृदय और फेफड़े का प्रत्यारोपण करवाने वाले एक मरीज और इंदौर में लीवर और एक किडनी का प्रत्यारोपण करवाने वाली दो महिला रोगी शामिल हैं।
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यह घटना इंदौर के अंगदान के प्रति समर्पण और मानवता के प्रति भावना को दर्शाती है। शहर भारत में अंगदान के मामले में अग्रणी रहा है, और यह घटना इस क्षेत्र में शहर की प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है।
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जानकारी के लिए बता दें कि, सुनील राजपूत हरदा के रहने वाले थे। उनके अंगों को विशेष जुपिटर हॉस्पिटल से एयरपोर्ट, चोइथराम हॉस्पिटल और जुपिटर हॉस्पिटल में ले जाया गया। इस पूरी प्रक्रिया में मुस्कान ग्रुप ने अंगदान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।