शरद पवार की आवाज निकालकर कर रहे थे कॉल, 3 गिरफ्तार 

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By Akanksha JainPublished On: August 13, 2021
Sharad pawar

नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार के नाम से कथित रूप से फर्जी कॉल किए जा रहे थे। इस बात की खबर तब सामने आई जब मुंबई और पुणे में शिकायत की गई। जिसके बाद इस मामले की जाँच कर 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, आरोपी पवार की ‘आवाज’ निकाल कर खेड के एक ठेकेदार से जबरन वसूली करना चाह रहे थे। वही एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि पवार के नाम से बुधवार को राजस्व विभाग के अधिकारी को भी फोन गया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसे लेकर पुणे में चाकन और मुंबई में गामदेवी पुलिस के पास मुकदमा दर्ज हुआ है। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है। कहा जा रहा है दोनों ही मामलों में कॉल करने वालों ने खुद को पवार के आवास से संबंधित बताया और उन्हीं की ‘आवाज’ में बात की। कॉल पहुंचने के बाद अधिकारी को शक हुआ और उन्होंने राकंपा प्रमुख के आवास सिल्वर ओक्स में कॉल किया। तब पता चला कि पवार अपने घर पर भी नहीं थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चाकन पुलिस स्टेशन में तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। ये लोग खेड के एक ठेकेदार से जबरन वसूली करने की कोशिश कर रहे थे। इस रिपोर्ट में पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस आयुक्त कृष्णा प्रकाश के अनुसार, तीनों की पहचान धीरज पठारे, गौरव और किरण ककाड़े के रूप में हुई है। खेड के रहने वाले 54 वर्षीय प्रतापराव वामन खंडेबराड़ ने शिकायत दर्ज कराई थी।

पुलिस आयुक्त ने बताया कि, ‘खंडेबराड़ ने पठारे से 13 एकड़ जमीन रखकर कर्ज लिया था। पठारे ने उनसे 10 फीसदी की ऊंची दर पर ब्याज वसूला था। कुछ समय बाद जब खंडेबराड़ कर्ज नहीं चुका सका, तो पठारे ने 13 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक हासिल कर लिया, लेकिन इस दौरान पैसों की मांग बंद नहीं हुई।’ शिकायतकर्ता के मुताबिक, जनवरी में पठारे ने शिकायतकर्ता, उसकी बीवी और साले को निजी नंबरों पर कॉल कर जान से मारने की धमकियां देना शुरू कर दिया था।

शिकायतकर्ता ने बताया कि, 30 अप्रैल को वे उनके घर पहुंचा और 5 करोड़ रुपये ब्याज नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी। प्रकाश ने बताया, ‘इसके बाद उन्हें उपाय सूझा और दो लोगों के साथ मिलकर शरद पवार होने का नाटक किया। गौरव ने शरद पवार और ककाड़े ने उनका सहयोगी बनकर बात की। उन्होंने एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया था, जिससे उन्हें कॉलर आईडी में शरद पवार के आवास का नंबर दिखा।’