India approves drug Qartemi to treat blood cancer : ब्लड कैंसर के मरीजों के लिए राहत की खबर आई है। बेंगलुरु स्थित बायोटेक स्टार्टअप इम्यूनील थेरेप्यूटिक्स ने Qartemi नामक नई सीएआर-टी सेल थेरेपी को मंजूरी दिलवायी है। यह दवा बी-सेल नॉन-हॉजकिन लिम्फोमा (बी-एनएचएल) जैसी गंभीर स्थितियों से जूझ रहे मरीजों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है, खासकर उन मरीजों के लिए जो कैंसर के relapsed स्टेज पर पहुंच चुके हैं।
Qartemi: एक जीवित दवा
Qartemi को “जीवित दवा” के रूप में जाना जाता है। इसका मतलब है कि यह दवा पूरी तरह से कार्यात्मक कोशिकाओं से बनी होती है, जिन्हें कैंसर का इलाज करने के लिए चयनित और संशोधित किया जाता है। पारंपरिक रासायनिक दवाओं से अलग, ये कोशिकाएं लंबे समय तक शरीर में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बनाए रखती हैं, जिससे कैंसर से लड़ने में मदद मिलती है।
सीडीएससीओ से मिली मंजूरी
इम्यूनील के अनुसार, Qartemi को भारत में स्वीकृत दूसरी सीएआर-टी सेल थेरेपी के रूप में मंजूरी मिली है। इससे पहले, नेक्ससीएआर19 नामक एक और सीएआर-टी सेल थेरेपी को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) से मंजूरी प्राप्त हुई थी, जिसे इम्यूनोएक्ट द्वारा विकसित किया गया था। यह कंपनी आईआईटी बॉम्बे और टाटा मेमोरियल अस्पताल द्वारा इनक्यूबेट की गई है।
CAR-T सेल थेरेपी: कैसे काम करती है?
CAR-T सेल थेरेपी एक उन्नत इम्यूनोथेरेपी तकनीक है, जिसमें मरीज की टी कोशिकाओं को आनुवंशिक रूप से संशोधित किया जाता है। फिर, इन कोशिकाओं को वापस रोगी के शरीर में डाला जाता है ताकि ये कैंसर कोशिकाओं पर हमला करें। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप, मरीज के शरीर में कैंसर के खिलाफ एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न होती है।