ग्वालियर-चंबल ने 2018 में पलट दी थी बाजी, सिंधिया-तोमर की गलियों से बनती है MP की सरकार? जानें समीकरण

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मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की बड़ी जोर- तौर से तैयारिया चल रही हे। और मध्य प्रदेश के ग्वालियर में चंबल संभाग से बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टी पूरी ताकत लगा रही है। इस क्षेत्र से नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा जैसे कई बड़े नेता इस क्षेत्र से आते हैं। ये सभी बड़े नेता भाजपा पार्टी से हैं। साथ ही इस क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता गोविंद सिंह हैं,जो इस समय विधानसभा नेता प्रतिपक्ष हैं। बता दें कि पिछले कुछ चुनावों के आकड़ों से हम समझ सकते हैं कि ग्वालियर व चंबल क्षेत्र से जिसको जनता ने ज्यादा सीटें दी हैं।

बात करें तो इस क्षेत्र ने जिस भी पार्टी की ज्यादा सीटें आई हैं। उसकी राज्य में सरकार बनी है.साथ में इस क्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी का भी वोट बैंक है। पिछले चुनावों में उसके कुछ विधायक विधानसभा पहुंचे हैं। क्योंकि इस क्षेत्र में कई सीटें अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हैं। इससे साबित होता है यहां पर इस समाज के लोग हैं। इसीलिए चुनाव कोई भी हो कोई भी दल बसपा को हल्के में नहीं लेता है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 34 सीटों में से कांग्रेस को 26 और बीजेपी को सिर्फ 7 सीटों से संतोष करना पड़ा था। जबकि बसपा को एक सीट मिली थी।

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.इस वजह से कांग्रेस ने राज्य में अपनी सरकार बनाई थी। हालांकि 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ इसी अंचल के कई विधायक कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आ गए.जिसके बाद कमलनाथ की सरकार गिर गई थी। जिसके बाद राज्य में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होते है। उसमें भाजपा को 19 सीटे मिलती हैं। वहीं कांग्रेस को 9 सीट मिल पाती हे। उपचुनाव के बाद इस अंचल में बीजेपी और कांग्रेस के पास 17- 17 विधायक हैं।