मध्यप्रदेश के अधिकारी कर्मचारी के द्वारा लगातार सरकार से वेतन पेंशन सहित अन्य मुआवजा और भक्तों की मांग की जा रही है। कुछ समय पहले सरकार ने बड़ी राहत देते हुए शिवराज सरकार से अनुग्रह राशि में वृद्धि की मांग की थी। लेकिन अब एक बार फिर से शासकीय कर्मचारी संघ ने शिवराज सरकार से मांग की है।
कर्मचारी संघ ने राजस्व कर्मचारियों के हित में अपनी आवाज बुलंद करते हुए शासकीय कर्मचारी संघ ने कहा है कि राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के कार्यालय में आने का समय तो निश्चित है। लेकिन घर लौटे का कोई समय निश्चित नहीं है और इस दौरान उन्हें कोई सार्वजनिक अवकाश भी उपलब्ध नहीं कराया जाता है। राजस्व विभाग के कर्मचारियों से 365 दिन काम कर पाया जाता है और की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी थी राजस्व विभाग के कर्मचारियों को दी गई है। कर्मचारी प्रतिदिन 12 से 14 घंटे तक काम करते हैं। इसके बदले राजस्व कर्मचारियों को भी पुलिस कर्मचारियों की तरह 13 महीने का वेतन मिलना चाहिए। क्योंकि राजस्व विभाग कर्मचारी त्रिस्तरीय पंचायतों, नगरीय निकाय चुनाव के साथ खसरा, खतौनी, सीमांकन, नकल जारी करना सहित अन्य कई काम भी करते है।
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विभाग द्वारा लगातार कर्मचारियों सहित शिक्षक भर्ती के लिए भी कर्मचारी सरकार पर दबाव बनाने लग गए हैं। कर्मचारियों और कर्मचारी संघ की मांग पर सरकार अब क्या फैसला लेती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन अब चुनाव के दौरान कर्मचारियों की विभिन्न घटनाओं में असमय मृत्यु पर शिवराज सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए उनके अनुसार राशि में 5 लाख की वृद्धि की है, जिसका लाभ कर्मचारियों को मिलेगा। लेकिन दूसरी ओर तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश शासन भोपाल से 1 वर्ष के अतिरिक्त वेतन की मांग की है। उनका कहना है कि पुलिसकर्मियों की तर्ज पर ही राजस्व विभाग के अमले को भी 1 वर्ष के अतिरिक्त वेतन उपलब्ध कराया जाए।