एमपी को मिलेगा एक और बड़ा सम्मान, जनजातीय सशक्तिकरण में प्रदेश का शीर्ष प्रदर्शन, राष्ट्रपति मुर्मू करेंगी सम्मानित

Author Picture
By Abhishek SinghPublished On: October 17, 2025

मध्य प्रदेश ने जनजातीय सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक बार फिर देश में अपनी अलग पहचान बनाई है। भारत सरकार के जनजाति कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ में उत्कृष्ट कार्य निष्पादन के लिए राज्य को देश के शीर्ष पांच राज्यों में स्थान मिला है। 17 अक्टूबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कॉन्क्लेव में मध्य प्रदेश को यह सम्मान प्रदान करेंगी।


राज्य की ओर से प्रमुख सचिव जनजाति कार्य गुलशन बामरा यह पुरस्कार ग्रहण करेंगे और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में जनजातीय उत्थान के लिए अपनाए जा रहे नवाचारों पर प्रस्तुति देंगे। इसके अलावा, पीएम जनमन योजना के तहत उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए शिवपुरी जिले को विशेष सम्मान से नवाजा जाएगा।

बैतूल देश के उत्कृष्ट जिलों में शामिल

आदि कर्मयोगी अभियान में बैतूल जिला देश के उत्कृष्ट जिलों की सूची में शामिल हुआ है, जबकि मास्टर ट्रेनर श्रेणी में सारिका धौलपुरिया को व्यक्तिगत रूप से सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही बैतूल, धार, पूर्वी निमाड़ और बड़वानी जिलों के योगदान को भी विशेष रूप से सराहा जाएगा। राज्य स्तर पर सुपर कोच जेपी यादव और एकीकृत जनजातीय विकास एजेंसियों को बड़वानी, बैतूल और शिवपुरी जिलों में उल्लेखनीय गतिविधियों के लिए पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा, धरती आबा जनभागीदारी अभियान के तहत गुना, बुरहानपुर और विदिशा जिलों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया जाएगा।

14,000 गांवों में विलेज एक्शन प्लान

अभियान के तहत अब तक 14,000 गांवों में विलेज एक्शन प्लान तैयार कर ग्राम सभाओं से स्वीकृति प्राप्त की जा चुकी है। राज्य में 13,000 से अधिक आदि सेवा केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, जनधन योजना, जाति प्रमाण पत्र, किसान क्रेडिट कार्ड और राशन कार्ड जैसी सेवाएं पूर्ण लक्ष्य के साथ उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके अलावा, 12 राज्य स्तरीय, 287 जिला स्तरीय, 12,000 विकासखंड स्तरीय और 18,150 संकुल स्तरीय मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं।

अभियान में 1.41 लाख आदि सहयोगी और 1.92 लाख आदि साथी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। यह पहल मध्यप्रदेश में जनजातीय समाज को सेवा, संकल्प और समर्पण के मूल्यों के साथ आत्मनिर्भर, जागरूक और सशक्त बनाने में राज्य की ऐतिहासिक उपलब्धि को दर्शाती है।