मालवा-निमाड़ क्षेत्र के पर्यटन सर्किट को सुदृढ़ बनाने के लिए सरकार सड़क संपर्क को प्राथमिकता दे रही है। इंदौर-उज्जैन और इंदौर-खंडवा मार्ग को छहलेन और फोरलेन करने के बाद अब बड़वाह-धामनोद सड़क को भी फोरलेन में बदलने का निर्णय लिया गया है। इस परियोजना पर करीब ढाई हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। 62 किलोमीटर लंबी इस सड़क के दायरे में महेश्वर जैसे प्रमुख पर्यटन स्थल भी शामिल हैं। फोरलेन सड़क बनने के बाद ओंकारेश्वर आने वाले पर्यटक महेश्वर तक भी आसानी से पहुंच सकेंगे, क्योंकि दोनों स्थानों के बीच यात्रा का समय घटकर एक घंटे से भी कम रह जाएगा।
फोरलेन सड़क परियोजना के लिए किसानों की भूमि का अधिग्रहण भी किया जाएगा, क्योंकि बड़वाह से धामनोद के बीच 100 से अधिक गांव स्थित हैं। नांद्रा, कतरगांव, धरगांव, छोटी खरगोन, जलूद-मंडलेश्वर सहित दस से ज्यादा गांवों के मुख्य बसावट क्षेत्र वर्तमान दो लेन सड़क के आसपास ही विकसित हैं। नर्मदा घाटी क्षेत्र में होने के कारण इस मार्ग पर अधिकांश गांवों के लिए बायपास निर्माण की संभावनाएं भी सीमित हैं।
भूमि अधिग्रहण के लिए बजट स्वीकृत
इसी वजह से भूमि अधिग्रहण के लिए भी बजट को मंजूरी दी गई है। प्रस्तावित परियोजना के तहत इस मार्ग पर 10 बायपास, 5 बड़े पुल, 23 छोटे पुल, 7 प्रमुख जंक्शन और 56 छोटे जंक्शन का निर्माण किया जाएगा। वर्तमान में बड़वाह से महेश्वर के बीच 10 किलोमीटर से अधिक हिस्से में सड़क सिंगल लेन है, जहां वाहनों की गति 30 से 40 किमी प्रति घंटा तक सीमित रहती है। फोरलेन सड़क के निर्माण के बाद वाहनों की रफ्तार बढ़कर 80 से 100 किमी प्रति घंटा तक हो सकेगी।
महेश्वर–ओंकारेश्वर–मांडू के बीच आसान होगा सफर
इस मार्ग के विकसित होने से महेश्वर, ओंकारेश्वर और मांडू के बीच आवाजाही कहीं अधिक सुगम हो जाएगी। बड़वाह से महेश्वर की दूरी लगभग 40 किलोमीटर तथा महेश्वर से मांडू की दूरी करीब 60 किलोमीटर है। सड़क के किनारे स्थित गांवों में विकास को गति मिलेगी और नई बसाहट तेजी से उभरेगी। बेहतर कनेक्टिविटी के चलते भूमि के दामों में भी वृद्धि होगी। सड़क बनने के बाद इंदौर से ओंकारेश्वर जाने वाले पर्यटक महेश्वर होकर एक ही दिन में वापस इंदौर लौट सकेंगे, जबकि वर्तमान में इन स्थलों की यात्रा में काफी समय लग जाता है।









