मध्यप्रदेश से मानसून ने आधिकारिक रूप से अलविदा कह दिया है, लेकिन मौसम का मिज़ाज अभी पूरी तरह बदला नहीं है। प्रदेश के कई इलाकों में अब भी बादलों की मेहरबानी देखने को मिल रही है। बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी भरी हवाओं ने इस बार ठंड के आगमन को कुछ दिनों के लिए टाल दिया है। इन हवाओं की वजह से सुबह-शाम हल्की ठंड जरूर महसूस हो रही है, लेकिन दिन में मौसम काफी सुहावना बना हुआ है। मौसम विभाग का कहना है कि मालवा-निमाड़, महाकौशल और नर्मदापुरम संभागों में शुक्रवार को हल्की बारिश की संभावना बनी हुई है। इससे किसानों को खेतों में नमी बनाए रखने में मदद मिलेगी और आम लोगों को भी उमस भरे मौसम से राहत मिलेगी। गुरुवार को राजधानी भोपाल का अधिकतम तापमान 12 दिन बाद 32 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि रात का तापमान भी सामान्य से थोड़ा ऊपर रहा। वहीं छिंदवाड़ा जिले में आधा इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई।
दिवाली के बाद बढ़ेगी ठंड, सर्द हवाओं का असर होगा तेज
मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ठंड का असली और स्थायी दौर अब ज्यादा दूर नहीं है। 24 अक्टूबर के बाद उत्तर भारत से आने वाली सर्द हवाएं मध्यप्रदेश में दस्तक देंगी। दिवाली के बाद प्रदेश का मौसम पूरी तरह बदल जाएगा और रात के तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज होने लगेगी। यह वही समय होगा जब सुबह और शाम की ठंड लोगों को जैकेट और स्वेटर पहनने पर मजबूर कर देगी। फिलहाल, मौसमी बदलाव के बीच हल्की ठंड और बादलों का मिलाजुला असर एक खुशनुमा माहौल बना रहा है, जो त्योहारों की रौनक में चार चांद लगा रहा है।
तीन महीने 28 दिन सक्रिय रहा मानसून, प्रदेश में झमाझम बरसे मेघ
इस बार का मानसून मध्यप्रदेश के लिए काफी उदार साबित हुआ। लगभग चार महीने तक सक्रिय रहने वाले मानसून ने पूरे प्रदेश को तृप्त कर दिया। कई जिलों में औसत से अधिक वर्षा दर्ज की गई, जिससे नदियों, तालाबों और बांधों का जलस्तर काफी बढ़ गया। गुना, मंडला, रायसेन और ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में झमाझम बारिश ने जलसंकट की चिंता को काफी हद तक दूर कर दिया। शुरुआती दौर में इंदौर और आसपास के जिलों में बारिश की कमी जरूर महसूस की गई थी, लेकिन सितंबर में हुई तेज बारिश ने तस्वीर पूरी तरह बदल दी। अब इंदौर, खरगोन, धार और उज्जैन सहित अधिकांश जिलों में सामान्य से बेहतर वर्षा दर्ज की गई है, जिससे खरीफ फसलों को सीधा लाभ हुआ और किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई।
पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू, मध्यप्रदेश में बढ़ने लगी सर्दी की दस्तक
उत्तर भारत के हिमालयी राज्यों में इस समय बर्फबारी का दौर शुरू हो चुका है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड की ऊंची चोटियां बर्फ से ढकने लगी हैं। इन बर्फीली पहाड़ियों से उठकर आने वाली ठंडी हवाएं अब मध्यप्रदेश की ओर बढ़ रही हैं। इन हवाओं का असर धीरे-धीरे महसूस होने लगा है खासकर रात के तापमान में गिरावट के रूप में। सुबह-सुबह हल्की ठंड और दिन में नरम धूप का मेल इस समय प्रदेश के मौसम को बेहद सुहावना बना रहा है।
त्योहारों के बीच मौसम का बदलता रंग, खुशियों में घुली ठंडक
अक्टूबर के मध्य तक आते-आते मध्यप्रदेश का मौसम एक खास मोड़ पर होता है न ज्यादा गर्मी रहती है और न कड़क ठंड। इस संक्रमण काल में हल्की बारिश, साफ आसमान और ठंडी हवाएं मिलकर एक अलग ही वातावरण बनाते हैं। इस साल भी मौसम का यही रूप देखने को मिल रहा है। लोग सुबह-शाम टहलने और बाहर घूमने का आनंद ले रहे हैं, वहीं किसान फसलों की अच्छी पैदावार की उम्मीद में प्रसन्न हैं। त्योहारों के इस मौसम में ठंडी हवाओं की हल्की लहरें और बारिश की बौछारें मिलकर पूरे प्रदेश में एक नई ताजगी और उल्लास का संचार कर रही हैं।