गुजरात की राजनीति में गुरुवार शाम अचानक बड़ा बदलाव देखने को मिला। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में हुई अहम बैठक में राज्य मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। बताया जा रहा है कि यह फैसला केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर लिया गया है। मुख्यमंत्री निवास पर हुई इस बैठक में वरिष्ठ नेताओं ने मंत्रियों को निर्णय की जानकारी दी, जिसके बाद सभी ने अपने इस्तीफे मुख्यमंत्री को सौंप दिए।
केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर लिया गया फैसला
सूत्रों के अनुसार, यह कदम भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा सुझाई गई एक बड़ी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल आज रात राज्यपाल से मुलाकात कर मंत्रिमंडल के सामूहिक इस्तीफे सौंपेंगे। बताया जा रहा है कि इस निर्णय के पीछे उद्देश्य राज्य सरकार में नई ऊर्जा और ताजगी लाना है। हालांकि, इस घटनाक्रम पर अभी तक मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) या भाजपा संगठन की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। लेकिन सूत्र यह पुष्टि कर रहे हैं कि यह सबकुछ योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है, ताकि आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले एक सशक्त और संतुलित नई टीम तैयार की जा सके।
कल सुबह नई मंत्रिपरिषद लेगी शपथ
सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार सुबह 11:30 बजे गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में नई मंत्रिमंडल शपथ लेगी। इस ऐतिहासिक अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की उपस्थिति तय मानी जा रही है। इस समारोह में नए चेहरों को मौका दिया जाएगा, जिससे सरकार में युवा जोश और राजनीतिक अनुभव का संतुलन कायम किया जा सके।
भाजपा अध्यक्ष ने दिए इस्तीफे के निर्देश
जानकारी के अनुसार, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को छोड़कर राज्य सरकार के सभी 16 मंत्रियों से इस्तीफा देने को कहा। यह निर्णय पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की मंजूरी के बाद लिया गया। मुख्यमंत्री अब सामूहिक इस्तीफे राज्यपाल को सौंपेंगे, जिसके बाद नई कैबिनेट का गठन औपचारिक रूप से शुरू होगा। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला संगठन और सरकार दोनों में नई ऊर्जा और कार्यकुशलता लाने की मंशा से लिया गया है। पार्टी चाहती है कि प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों स्तरों पर नई सोच और दिशा के साथ काम करने वाली टीम तैयार की जाए।
2027 के चुनावों पर फोकस, नए चेहरों को मिलेगी जिम्मेदारी
गुजरात में 2027 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं, और पार्टी ने अभी से ही अपनी रणनीति को सशक्त बनाना शुरू कर दिया है। संगठन से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आगामी मंत्रिमंडल में कई नए चेहरे शामिल होंगे, जिनमें युवा और अनुभवी नेताओं का संतुलन रखा जाएगा। सूत्रों के अनुसार, वर्तमान 16 सदस्यीय कैबिनेट को बढ़ाकर 25 से 26 सदस्यों का किया जा सकता है। करीब 7 से 10 मंत्रियों को बाहर किया जा सकता है, जबकि बाकी की जगह पर नए चेहरों को मौका मिलेगा। इसमें जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का विशेष ध्यान रखा जाएगा, ताकि हर वर्ग और क्षेत्र से समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके।
संभावित मंत्रियों को आज रात आ सकते हैं कॉल
सूत्रों के मुताबिक, आज देर रात से उन विधायकों को फोन कॉल आने शुरू हो जाएंगे, जिन्हें नई मंत्रिपरिषद में शामिल किया जा सकता है। पार्टी संगठन ने उन विधायकों की लिस्ट लगभग तैयार कर ली है, जिन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। भाजपा का उद्देश्य है कि नई टीम राज्य के विकास कार्यों को तेज़ी से आगे बढ़ाए और जनता के बीच पार्टी की पकड़ और मजबूत बनाए। राजनीतिक जानकारों के अनुसार, यह बदलाव गुजरात में भाजपा की “युवा और ताजा नेतृत्व” रणनीति की शुरुआत मानी जा रही है। इस तरह, गुजरात में भाजपा ने एक बार फिर साबित किया है कि वह चुनाव से पहले संगठन और सत्ता में बदलाव से नहीं हिचकिचाती। अब सभी की निगाहें कल होने वाले शपथ ग्रहण समारोह पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि आखिर कौन-कौन से नए चेहरे मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की टीम में शामिल होंगे।