गुजरात की भूपेंद्र पटेल सरकार में शुक्रवार को बड़ा कैबिनेट फेरबदल देखने को मिला। इस फेरबदल के तहत राज्यपाल की मौजूदगी में 26 नए मंत्रियों ने शपथ ग्रहण किया, जिससे सरकार का नया चेहरा सामने आया। सबसे ज़्यादा चर्चा में रहीं भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा, जिन्हें पहली बार राज्य मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। यह फेरबदल पुराने मंत्रिमंडल के सामूहिक इस्तीफे के बाद हुआ, जिसके बाद बीजेपी ने नए सिरे से अपनी टीम तैयार की है। नई कैबिनेट में करीब 19 नए चेहरे जोड़े गए हैं, जिससे इसका आकार अब बढ़कर 27 सदस्यों तक पहुंच गया है।
तीन साल के भीतर मिला मंत्री बनने का मौका
रिवाबा जडेजा वर्तमान में जामनगर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक हैं। राजनीति में सक्रिय हुए उन्हें केवल तीन साल हुए हैं, और इतने कम समय में कैबिनेट तक पहुंचना उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। बीजेपी ने इस फैसले के ज़रिए युवा और महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने का संदेश दिया है। पार्टी का यह कदम आने वाले चुनावों को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक संतुलन और युवा चेहरों की भागीदारी पर फोकस करने वाला माना जा रहा है। नए मंत्रिमंडल में हरष सांघवी को कैबिनेट रैंक पर पदोन्नत किया गया है, जबकि स्वरूपजी ठाकोर, प्रवीणकुमार माली, रुषिकेश पटेल, दर्शना वाघेला, कुंवरजी बावलिया, अर्जुन मोढ़वाड़िया, परषोत्तम सोलंकी, जितेंद्र वाघाणी, प्रफुल्ल पंशेरिया और कानुभाई देसाई जैसे नेताओं को भी शामिल किया गया है।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई से लेकर राजनीति तक — रिवाबा का सफर
रिवाबा जडेजा का जन्म 5 सितंबर 1990 को गुजरात में हुआ। उन्होंने राजकोट स्थित आत्मीय इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेना शुरू किया। 17 अप्रैल 2016 को रिवाबा की शादी टीम इंडिया के स्टार क्रिकेटर रवींद्र जडेजा से हुई। यह शादी बेहद पारंपरिक और सादगीपूर्ण समारोह में संपन्न हुई थी, जिसमें परिवार और करीबी मित्र ही शामिल हुए थे। शादी की झलकियां उस समय सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थीं।
2019 में राजनीति में एंट्री, करणी सेना से बीजेपी तक का सफर
रिवाबा ने 2019 के लोकसभा चुनावों से ठीक पहले औपचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। राजनीति में आने से पहले वे राजपूत समुदाय के संगठन करणी सेना से जुड़ी रहीं और महिला शाखा की प्रमुख भी रहीं। उनका राजनीतिक बैकग्राउंड भी मजबूत है — वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरी सिंह सोलंकी की रिश्तेदार हैं। बीजेपी ने उन्हें 2022 के विधानसभा चुनावों में जामनगर उत्तर सीट से टिकट दिया। यह वही क्षेत्र है, जहां से उनके पति रवींद्र जडेजा का गहरा जुड़ाव है। चुनाव प्रचार के दौरान रवींद्र जडेजा ने खुद अपनी पत्नी के लिए मैदान संभाला और रिवाबा के समर्थन में कई रोड शो किए।
2022 में मिली ऐतिहासिक जीत
रिवाबा जडेजा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार करसन करमूर को 53,570 वोटों के बड़े अंतर से हराया। उनकी यह जीत सिर्फ बीजेपी के लिए नहीं, बल्कि महिला उम्मीदवारों और नए चेहरों के लिए भी प्रेरणा का उदाहरण बन गई। जामनगर, जो रवींद्र जडेजा का गृहनगर भी है, में उन्हें स्थानीय स्तर पर भारी समर्थन मिला। जीत के बाद रिवाबा ने विधानसभा में सक्रिय रहते हुए महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा और क्षेत्रीय विकास जैसे मुद्दों पर आवाज़ उठाई।
नए मंत्रिमंडल में मिली अहम भूमिका
इस बार हुए कैबिनेट विस्तार में रिवाबा जडेजा ने धर्मेंद्रसिंह जडेजा की जगह ली है। माना जा रहा है कि उन्हें ऐसा मंत्रालय सौंपा जा सकता है जो महिला कल्याण या युवा विकास से जुड़ा हो। बीजेपी सूत्रों के अनुसार, पार्टी रिवाबा को आने वाले चुनावों में ‘युवा महिला नेतृत्व का चेहरा’ बनाकर पेश करना चाहती है।
रिवाबा जडेजा — परंपरा और प्रगतिशीलता का संगम
रिवाबा जडेजा की छवि एक संवेदनशील, पढ़ी-लिखी और मजबूत विचारों वाली महिला के रूप में उभर रही है। उन्होंने अपने पति की लोकप्रियता का इस्तेमाल केवल पहचान तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे सामाजिक सेवा और राजनीतिक प्रतिबद्धता में बदला। तीन साल के भीतर विधानसभा से कैबिनेट तक का सफर उनके आत्मविश्वास और समर्पण की मिसाल है।