PF Interest Rate : इस साल के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने भारत की सुस्त अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए मध्यम वर्ग के लिए कई लाभ प्रदान किए हैं। बजट में आयकर स्लैब बढ़ाने से लेकर कर छूट तक कई बदलाव किए गए हैं। इस साल के बजट (Union Budget 2025) में भी यह घोषणा की गई कि भारत में 6 दशक के बाद नया आयकर कानून आने वाला है। इसका उद्देश्य लोगों के हाथों में नकदी प्रवाह बढ़ाकर बाजार में मांग (प्रोविडेंट फंड) को बढ़ाना है। केंद्रीय वित्त मंत्री का मानना है कि इससे देश में खपत बढ़ेगी और इससे बाजार अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि 12.75 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा। और इसके बाद संभावना है कि केंद्र सरकार कर्मचारियों की भविष्य निधि पर ब्याज दर भी बढ़ा सकती है। क्या इस बार कर्मचारियों को पीएफ में जमा पैसे पर ज्यादा ब्याज मिलेगा? कर्मचारी पेंशन निधि संगठन के न्यासी बोर्ड की बैठक 28 फरवरी को हो रही है और इस मामले पर निर्णय उस बैठक में लिया जाएगा। देश के केंद्रीय श्रम मंत्री इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में नियोक्ता संघ और विभिन्न ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे।
PF पर बढ़ सकती है ब्याज दर
वर्तमान में केन्द्र सरकार का सबसे अधिक ध्यान बाजार की मांग बढ़ाने पर है। इसके लिए विभिन्न पहल की गई हैं। इसके लिए 12 लाख टका तक की आय को कर-मुक्त घोषित किया गया है और इस तरह सरकार नागरिकों को यह दिखाना चाहती है कि सरकार को करों के अलावा कई अन्य स्रोतों से भी आय होती है। यदि लोग अपनी खपत बढ़ाना शुरू कर दें तो बाजार अर्थव्यवस्था फिर से मजबूत हो जाएगी। वित्त वर्ष 2024-25 की तुलना में इस चालू वित्त वर्ष में प्रोविडेंट फंड में जमा धन पर ब्याज दर में बढ़ोतरी हो सकती है। वित्त वर्ष 2022-23 में देश में पीएफ पर ब्याज दर 8.15 फीसदी थी। वित्त वर्ष 2023-24 में यह ब्याज दर बढ़कर 8.25 प्रतिशत हो जाएगी।
7 करोड़ से अधिक PF खाते
ईपीएफओ के पास देश में 7 करोड़ से ज्यादा लोगों के पीएफ खाते हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार यह संख्या 73.7 मिलियन थी। ईपीएफओ के पेंशन फंड में जमाकर्ताओं की संख्या भी बढ़कर 8 लाख हो गई है।