Union Budget 2025 Distribution : देश में इस समय ज्यादातर लोग बजट के बारे में बात कर रहे हैं। कहीं बजट को लेकर निर्मला सीतारमण की तारीफ हो रही है तो वही बजट की आलोचना भी हो रही है। हर क्षेत्र के लिए बजट आबंटित किया जाता हैं, इस बीच यह जानना भी जरूरी है कि बजट का पैसा कहां से आता है और कहां जाता है।
बजट में किसका हिस्सा कैसे तय होता है?
अगर हम बजट दस्तावेजों पर नजर डालें तो पता चलता है कि बजट का 21 फीसदी पैसा सीधे राज्यों के खजाने में जाता है। यह तय है कि यह वहीं खर्च होगा, क्योंकि भारत के संविधान के अनुसार केंद्रीय वित्त आयोग इसका फॉर्मूला तय करता है। इसमें समय-समय पर बदलाव होता रहता है।
ब्याज चुकाने में जाएगी 19 फीसदी राशि
कुल बजट का 21 फीसदी हिस्सा राज्य सरकारों को बांटने के बाद 19 फीसदी राशि देश पर बोझ बन चुके भारी कर्ज का ब्याज चुकाने में खर्च हो जाती है। इस तरह 40 फीसदी राशि खर्च होने के बाद भारत सरकार के पास खर्च के लिए सिर्फ 60 फीसदी राशि बचती है। इसमें से 16 फीसदी केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं और 8 फीसदी केंद्र प्रायोजित योजनाओं में जाती है।
इनमें से भी अधिकांश राशि राज्य सरकारों के माध्यम से खर्च की जाती है। इसके बाद बची हुई कुल 36% राशि में से 8% रक्षा, 9% वित्त आयोग की सिफारिश, 6% सब्सिडी, 4% पेंशन और 9% अन्य चीजों पर खर्च की जाती है।
प्रत्यक्ष कर और जीएसटी से आएगी 54% राशि
हमारे लिए यह जानना भी जरूरी है कि बजट के हिसाब से खर्च के लिए पैसा कहां से आता है। बजट दस्तावेजों पर नजर डालें तो पता चलता है कि बजट के लिए करीब 54% राशि अकेले प्रत्यक्ष कर और जीएसटी से मिलेगी। इसके अलावा सरकार को 27% राशि कर्ज या अन्य उधार के जरिए जुटानी होगी।