खजराना गणेश मंदिर में हर दिन खरीदे जाते है 15 क्विंटल लड्डु, भक्त दिल खोल कर चढ़ाते है मोतीचूर लड्डू का चढ़ावा

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आबिद कामदार

Indore। बप्पा का सबसे प्रिय व्यंजन मोदक लड्डू है, वहीं बप्पा को मोतीचूर और अन्य लड्डू का भोग लगाया जाता है। शहर में खजराना स्थित गणेश मंदिर (khajrana ganesh temple) सबसे ज्यादा मशहूर है, यहां कई भक्त दर्शन और अपनी मनोकामना लेकर आते है। भक्त बप्पा के भोग के लिए लड्डू का चढ़ावा पेश करते है। अगर बप्पा के दरबार में एक दिन के लड्डुओं की खपत की अगर बात करें तो रोजाना लगभग 10 से 15 क्विंटल लड्डू मंदिर प्रांगण से खरीदे जाते है, और बप्पा को भोग लगाया जाता है।

भगवान गणेश जी के मंदिर स्थित दुकानों से रोजाना खरीदे जाते है 10 से 15 क्विंटल लड्डू

श्री गणेश प्रसाद भंडार दुकान के संचालक भवानी प्रसाद मौर्य बताते है कि आज से लगभग 45 साल पहले दादाजी ने श्री गजानंद प्रसाद भंडार के नाम से दुकान खोली थी तब बहुत कम दुकानें थी। पहले वनस्पति घी के लड्डू चलते थे। अब मंदिर प्रांगण में लगभग सो दुकानें है, जिसमें एक दुकानदार दिन भर में 10 से 15 किलो लड्डू बेचते है। वही अगर सभी दुकान वालो की बात की जाए तो यह आंकड़ा 10 से 15 क्विंटल हो जाता है।

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बप्पा को सबसे ज्यादा चढ़ता है मोतीचूर लड्डू

बप्पा को कई प्रकार के लड्डू चढ़ाए जाते है, जिसमें सबसे ज्यादा मोतीचूर का लड्डू चढ़ाया जाता है, वहीं मोदक, बेसन, और तिल के लड्डू भी चढ़ाए जाते है।

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इंदौर से बाहर भी जाते है मोदक और अन्य लड्डू

दुकानदार बताते है कि कई दुकानदारों के लड्डू बनाने के खुद के कारखाने है, अपनी दुकानों के साथ साथ हम शहर और अन्य शहरों में लड्डू देते है, गणेशजी को चढ़ाने वाले तिल के लड्डू, बेशन लड्डू, वनस्पति घी के लड्डू, शुद्ध घी के मोतीचूर लड्डू और अन्य प्रकार के लड्डू बनाए जाते है, जो की आने वाले श्रद्धालु भगवान को भोग लगाकर और अपने साथ ले जाते है।

महाराष्ट्र में मोदक चांवल के आटे से तो इंदौर में मैदे की लेयर से बनता है।

गणेश जी को सबसे ज्यादा भोग मोदक लड्डूओ का लगाया जाता है, महाराष्ट्र में मोदक लड्डू को बनाने के लिए चावल के आटे के साथ गुड़ और तीली का इस्तेमाल किया जाता है, वहीं इंदौर में बने मोदक की बाहरी सतह मैदे की होती है वहीं गुड़ और तीली का उपयोग किया जाता है। यह लड्डू काफी स्वादिष्ट होते है।

बप्पा के प्रिय और महाराष्ट्र के प्रचलित मोदक लड्डू 2006 के बाद आए शहर में

पहले गणेशजी को वनस्पति घी के लड्डू का भोग लगाया जाता था, फिर कई दुकानो पर पेड़े, और मिठाई आई उसके बाद 2006 के बाद मोदक लड्डू का भोग गणेशशजी को लगाने लगे, बप्पा को मोदक सबसे प्रिय है। वहीं महाराष्ट्र में मोदक काफी प्रचलित है, ऐसे ही शहर में भी लोग भोग के लिए मोदक लड्डू चढ़ाने लगे।

पहले चलते थे वनस्पति घी वाले लड्डू 4 रुपए किलो में

आज से लगभग 45 साल पहले डालडा घी से बना लड्डू गणेशजी को भोग के रूप में चढ़ाया जाता था। देसी घी से बना लड्डू काफी बाद आया और फिर धीरे धीरे मोदक और अन्य लड्डुओ का चलन बढ़ा।