मुंबई : भारतीय जनता पार्टी में 40 साल तक रहे एकनाथ खड़से ने आज NCP चीफ शरद पवार की मौजूदगी में NCP का दामन थाम लिया. वे भाजपा से बुधवार को ही त्यागपत्र दे चुके थे. इस संबंध में महाराष्ट्र के मंत्री जयंत पाटिल ने कहा था कि एकनाथ भाजपा से इस्तीफा दे चुके है और अब वे NCP में शामिल होंगे. वहीं भाजपा भी उनके इस्तीफे की पुष्टि कर चुकी थी. बता दें कि खड़से के इस्तीफे के साथ ही यह माना जा रहा था कि उनके और NCP के बीच बीते कई दिनों से चर्चा चल रही थी. वहीं एकनाथ खड़से भी भारतीय जनता पार्टी से नाराज चल रहे थे. उन्होंने त्याग पात्र देने के बाद BJP पर आरोप लगाते हुए कहा था कि पार्टी ने उन्हें लगातार दरकिनार किया है. भाजपा में उन्हें न्याय नहीं मिला है. वहीं अब NCP में शामिल होने के बाद एकनाथ खड़से BJP पर तेजी से वार करते हुए नजर आए.
आज शाम को शरद पवार की मौजूदगी में NCP में शामिल हुए एकनाथ खड़से ने भाजपा पर जोरदार प्रहार किया. उन्होंने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मेरे पीछे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लगाने की बात चल रही थी. उनका (भाजपा) कहना था कि अगर मैंने पार्टी बदली तो वे मेरे पीछे ईडी लगा देंगे. मैंने कहा कि, ”अगर आप ईडी मेरे पीछे लगाते हैं, तो मैं आपकी सीडी चलाऊंगा.”
एकनाथ खड़से ने भारतीय जनता पार्टी से अपनी नाराज़गी को एक बार फिर जाहिर किया. उन्होंने कहा कि, मैंने 40 साल तक पार्टी की सेवा की और मुझे मिला क्या ? एसीबी की पूछताछ और छेड़छाड़. वहीं इस दौरान NCP चीफ शरद पवार ने एकनाथ खड़से के अपनी पार्टी में शामिल होने को लेकर कहा कि, जो एकनाथ खड़से चाहते थे उन्होंने ठीक वैसा ही किया. बता दें कि इससे पहले जब एकनाथ ने भारतीय जनता पार्टी से त्यागपत्र दिया था और उसके बाद उनके एनसीपी में शामिल होने की ख़बरें आई थी तो कहा जा रहा था कि उन्हें महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद दिया जा सकता है. इस तरह का सवाल जब शरद पवार से किया गया तो इस पर उन्होंने कहा कि, उद्धव सरकार के मंत्रीमंडल में कोई फेरबदल नहीं होगा.
2015 में महाराष्ट्र से दिया था त्यागपत्र….
एकनाथ खड़से का राजनीतिक करियर साल 2015 से ही ढलान पर है. साल 2015 में देवेंद्र फडणवीस की सरकार के दौरान एकनाथ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और इसके बाद उन्होंने मंत्री पद त्याग दिया था. जबकि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर दिया था, हालांकि उनकी बेटी रोहिणी को भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा का टिकट दिया था, लेकिन वे इस सीट पर विजय पाने में कामयाब नहीं हो सकी थी.