Dussehra 2024: यहां होगा 211 फीट दुनिया के सबसे ऊंचे रावण के पुतले का दहन, 30 लाख की लागत से हुआ तैयार

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Dussehra 2024: दशहरा, जिसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है, भारत में धूमधाम से मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस वर्ष, दशहरा 12 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। दिल्ली के द्वारका स्थित रामलीला मैदान में इस अवसर पर एक विशेष आयोजन होगा, जहां दुनिया का सबसे ऊंचा रावण का पुतला जलाया जाएगा। इस पुतले की ऊंचाई 211 फीट है, जो इसे एक अद्वितीय आकर्षण बनाता है।

Dussehra 2024: कारीगरों द्वारा विशेष निर्माण

द्वारका रामलीला कमेटी के आयोजक, राजेश गहलोत, ने बताया कि इस भव्य पुतले का निर्माण अंबाला और एनसीआर के विशेष कारीगरों द्वारा किया गया है। पुतले का ढांचा मजबूत लोहे से बनाया गया है, और इसे बांस तथा मखमली कपड़े से सजाया गया है। रावण का चेहरा विशेष रूप से आकर्षक और मजबूत बनाया गया है, जो दर्शकों का ध्यान खींचेगा। इस विशाल पुतले को खड़ा करने के लिए चार बड़े क्रेन का उपयोग किया गया है। निर्माण कार्य में लगभग चार महीने लगे, और कुल लागत लगभग 30 लाख रुपये आई है।

Dussehra 2024: दशहरा का महत्व

दशहरा का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है, जिसमें रावण के पुतले का दहन किया जाता है। यह पर्व हमें यह सिखाता है कि सत्य और धर्म की रक्षा करना हमेशा जरूरी है। राजेश गहलोत ने बताया कि पहले इस समारोह में पुतले की ऊंचाई केवल 50 फीट थी, लेकिन अब यह 211 फीट के साथ दुनिया का सबसे ऊंचा रावण का पुतला बनने जा रहा है।

Dussehra 2024: विशेष आमंत्रण

इस वर्ष, द्वारका रामलीला कमेटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति को इस भव्य आयोजन में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा है। आयोजकों को उम्मीद है कि ये विशेष मेहमान इस समारोह में शामिल होकर इसे और भी खास बनाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले 2019 और 2023 में भी इस आयोजन में भाग लिया था।

Dussehra 2024: कलाकारों का चयन और तैयारी

रामलीला के पात्रों का चयन करने में लगभग छह महीने का समय लगा है। एनसीआर क्षेत्र से चार सौ कलाकारों का चयन किया गया है, जो राम की लीलाओं को जीवंत और रंगीन तरीके से प्रस्तुत करेंगे। राजेश गहलोत ने कहा कि उनका उद्देश्य भगवान राम की कथा को सुंदरता और समर्पण के साथ दर्शकों के सामने लाना है।

Dussehra 2024: आयोजन की विविधता

द्वारका रामलीला का आयोजन रावण के पुतले के दहन तक सीमित नहीं है। इसमें राम की विजय और सत्य की पराकाष्ठा का प्रतीक है। इस वर्ष की रामलीला में विशेष नृत्य, संगीत और कार्यक्रम शामिल होंगे, जो दर्शकों को एक अद्भुत अनुभव प्रदान करेंगे। आयोजकों का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक लोग इस आयोजन में शामिल हों और भगवान राम की कथा का आनंद लें।