ब्रेन में लगी चोटों को हल्के में न लें, यदि यह गंभीर लक्षण दिखाई दें तो तुरंत न्यूरोसर्जन से करें संपर्क

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मस्तिष्क आघात, जिसे दर्दनाक मस्तिष्क चोट टीबीआई (Traumatic Brain Injury) के रूप में भी जाना जाता है। यह एक गंभीर स्थिति है जो मस्तिष्क के कार्यों को अत्यधिक प्रभावित करती है। भारत में, लगभग 1.5 लाख लोग सड़क यातायात दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं, जिनमें मस्तिष्क की चोट प्रमुख कारण है। टीबीआई हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकता है, और विभिन्न प्रकार की शारीरिक और भावनात्मक समस्याओं को जन्म दे सकता है। ब्रेन इंजरी के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं इंदौर स्थित कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल के डॉ. प्रणव घोडगांवकर, लीड कन्सल्टेन्ट, न्यूरोसर्जरी-

मस्तिष्क आघात के कारण

टीबीआई के दो मुख्य प्रकार होते हैं- क्लोज्ड हेड इंजरी और दूसरा ओपन हेड इंजरी। क्लोज्ड हेड इंजरी होना अधिक आम हैं और वे तब होती हैं जब सिर किसी वस्तु से टकराता है, लेकिन इससे सिर में अंदरुनी चोटें नहीं पहुंचती हैं। ओपन हेड इंजरी तब होती हैं जब कोई वस्तु खोपड़ी को छेदकर मस्तिष्क के टिश्यू में प्रवेश कर जाती है। टीबीआई के सामान्य कारणों में मोटर वाहन दुर्घटना, गिरना, चोट लगने की घटनाएं या विस्फोट आदि शामिल हो सकते हैं।

मस्तिष्क आघात के लक्षण

टीबीआई के लक्षण चोट की गंभीरता के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। कुछ सामान्य लक्षणों में सिरदर्द, चक्कर आना, उल्टी आना, भ्रम की स्थिति होना, होश खो देना, सोचने या ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, याददाश्त कम हो जाना, बोलने में दिक्कत, सोने में कठिनाई होना, व्यवहार में बदलाव और दौरे पड़ना जैसे कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं। यदि सिर पर किसी तरह की चोट लगी हो और इनमें से कोई लक्षण नजर आएं तो तुरंत ऐसे अस्पताल जाएं जहां चौबीस घंटे विशेषज्ञों की सुविधा उपलब्ध हो, जिससे एक ही स्थान पर निदान के साथ सही इलाज मिल सके।

मस्तिष्क आघात का निदान और उपचार

टीबीआई का निदान व चिकित्सा शारीरिक परीक्षण और सीटी स्कैन या एमआरआई जैसे इमेजिंग परीक्षणों पर आधारित है। टीबीआई का उपचार चोट की गंभीरता पर निर्भर करता है। हल्के टीबीआई के लिए किसी उपचार की आवश्यकता नहीं होती है, जबकि गंभीर टीबीआई के लिए सर्जरी, दवा और रिहेबिलिटेशन की आवश्यकता हो सकती है। अच्छे परिणामों के लिए पीड़ितों को अत्यधिक विशिष्ट न्यूरोसर्जिकल देखभाल की आवश्यकता होती है।

मस्तिष्क आघात से उबरना

टीबीआई से फिर से उबरना एक लंबी प्रक्रिया हो सकती है। कुछ लोग पूरी तरह ठीक हो जाते हैं, जबकि अन्य को स्थायी विकलांगता हो सकती है। रिहेबिलिटेशन में टीबीआई से पीड़ित लोगों को उनकी शारीरिक, संज्ञानात्मक और भावनात्मक कार्यप्रणाली में सुधार करने में मदद कर सकता है।

मस्तिष्क आघात को रोकना

टीबीआई को रोकने के लिए आप कई चीजें कर सकते हैं, जैसे साइकिल या मोटरसाइकिल चलाते समय हेलमेट पहनना, कारों में सीट बेल्ट और एयरबैग का उपयोग करना और गिरने से बचना। हालाँकि इनमें सबसे महत्वपूर्ण है रोकथाम जिन्हें लेकर सभी को जागरुक होना आवश्यक है।