चीन की नीयत हमेशा से ही अपने पड़ोसियों की ज़मीनों पर रही है और इसका ताज़ा उदाहरण है नेपाल। नेपाल-चीन की सरहद पर नेपाल की जमीन को चीन ने क़ब्जे में ले लिया है। न केवल चीन ने नेपाल की भूमि क़ब्जे में ली है बल्कि उस पर इमारतों का निर्माण भी कर दिया है। इस बात की जानकारी जब नेपाल को लगी तो लोगों ने नेपाल की राजधानी काठमांडू में चीनी दूतावास के बाहर चीन के ख़िलाफ़ अपना गुस्सा जाहिर किया।
नेपाल के युवाओं ने चीनी दूतावास के बाहर एकत्रित होकर चीन के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करते हुए विरोध जताया और जमकर नारेबाजी की। बता दें कि यह मामला नेपाल के हुम्ला जिले में सीमा स्तम्भ से दो किमी भीतर नेपाली भूमि का है. इसे चीन ने कब्जे में लेकर 9 भवनों का निर्माण कर दिया है. इसके साथ ही यहां चीन ने नेपालियों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
इस बात की जानकारी जब नेपाल सरकार को लगी तो उसने एक्शन लेते हुए सभी सुरक्षा निकाय और प्रशासनिक अधिकारियों को रवाना कर दिया. नेपाल ने पाया कि चीन ने हुला जिले के मुख्यालय से दो किमी दूरी पर लाप्चा क्षेत्र में अवैध तरीकों से इमारतें बनाई है, तो वहीं नेपाल ने चीन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि 11 नम्बर की सीमा स्तम्भ को ही गायब कर दिया है। चीन ने हमारी भूमि पर कब्जा कर भवनों का निर्माण किया है, वहीं चीन का कहना हे कि भवनों का निर्माण हमने हमारी भूमि पर ही किया है।