NEET Paper Leak: शनिवार को सीबीआई ने नीट यूजी पेपर लीक मामले में शशिकांत पासवान को मास्टरमाइंड मानकर राजस्थान के दो एमबीबीएस छात्रों के साथ गिरफ्तार किया। शशिकांत पेपर चोरी का प्रमुख आरोपी है, जबकि दोनों छात्रों को सॉल्वर के रूप में उपयोग किया गया था। इन छात्रों के नाम कुमार मंगलम बिश्नोई और दीपेंद्र कुमार हैं, जो भरतपुर मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं। शशिकांत के आरोपी पंकज और रॉकी से संबंध थे, जैसा कि दावा किया जा रहा है।
सीबीआई ने पंकज और रॉकी के मोबाइल सीडीआर के आधार पर शशिकांत की पहचान की और उसके बाद कार्रवाई की। उन्होंने भरतपुर, राजस्थान से दो एमबीबीएस छात्रों को गिरफ्तार किया, जिन्हें सॉल्वर के रूप में शामिल किया गया था। इन छात्रों के नाम हैं कुमार मंगलम और दीपेंद्र, जो पटना एम्स के छात्र हैं। इस कार्रवाई का मोबाइल डिटेल्स के आधार पर निर्णय किया गया था। इन दोनों मेडिकल छात्रों का दावा है कि परीक्षा के दिन हजारीबाग में मौजूद थे।
एनआईटी जमशेदपुर से जुड़े हैं तार
नीट पेपर लीक मामले में एनआईटी जमशेदपुर से भी जुड़े हुए हैं। एनआईटी जमशेदपुर के 2017 बैच से सिविल इंजीनियर पंकज कुमार, जिसे आदित्य भी कहा जाता है, ने हजारीबाग में स्थित एनटीए ट्रंक से नीट-यूजी का पेपर चुराया था। उनके साथ इस अपराध में काम कर रहे थे बीटेक (इलेक्ट्रिकल) पासआउट शशिकांत पासवान, जिसे शशि या पासु के नाम से भी जाना जाता है। इन दोनों ने पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं, जैसा कि रिपोर्ट किया गया है।
पटना एम्स के गिरफ्तार छात्रों ने किया बड़ा खुलासा
सीबीआई टीम ने पटना एम्स के चंदन सिंह, कुमार शानू, राहुल आनंद, और करण जैन से पूछताछ की। इस दौरान, ये छात्रों ने बताया कि प्रश्नपत्र हजारीबाग में ही सॉल्व किया गया था। पांच सॉल्वर पटना और रांची से हजारीबाग पहुंचे थे और प्रश्नपत्र उन्हें चार मई की रात को मिला था। रॉकी ने उत्तर तैयार करके पीडीएफ फॉर्मेट में चिंटू के अलावा पटना में कुछ सेटर्स को भेजा था। अब सीबीआई इन सेटर्स की तलाश में है।