आर्टिकल
आईपीएल का तमाशा और सड़कों पर दम तोड़ते मरीज
अर्जुन राठौर जो हो रहा था वह केवल भारत में ही हो सकता है पूरे देश में जब हाहाकार मचा हुआ था और अस्पतालों के बाहर सड़कों पर लोग ऑक्सीजन
मध्यप्रदेश: शिवराज और कैलाश में श्रेय लेने की होड़
अरुण दीक्षित भोपाल: बंगाल चुनाव में हार की बजह से जहाँ एक ओर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व सदमें में है वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश के दो नेताओं में खुद को
राज्यों के चुनाव – पार्टियां किधर
एन के त्रिपाठी चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के चुनावों का मुख्य आकर्षण पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की टीएमसी की शानदार जीत है। नतीजों का आकार और
अंतरराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस: प्रेस को ‘पेन प्रस्टीट्यूट’ किसने बनाया..!
जयराम शुक्ल भारत में पहले अखबार ‘बंगाल गजट’ का निकलना एक दिलचस्प घटना थी। वह 1780 का साल था ईस्ट इंडिया कंपनी वारेन हेस्टिंग के नेतृत्व में मजबूती के साथ
खुद अपनी गिरेबां में झाँकिये सांसद जी…
पुष्पेन्द्र वैद्य ये है इंदौर के सासंद शंकर ललवानी। कोरोना को लेकर इंदौर के मीडियाकर्मियों पर आरोप लगा रहे हैं। कह रहे हैं आप ही लोग कोरोना फैला रहे हैं।
जनादेश ममता के पक्ष में नहीं, प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ है
श्रवण गर्ग दो लाख से ज़्यादा कोरोना अभागों की दुर्भाग्यपूर्ण विदाई के बीच बंगाल के प्रतिष्ठापूर्ण चुनावों में हुई सिर्फ़ ‘एक’ राजनीतिक महत्वाकांक्षा की मौत का अगर मौन स्वरों में
बंगाल में चली ममता की फुटबॉल, बीजेपी बेहाल!
– हरीश फतेहचन्दानी सच कहता हूँ… ये बात उस वक्त की है जब देश की सियासत बदल देने का दम्भ भरने वाली सियासी जोड़ी ने बंगाल में खेला होबे में
मौत पर जश्न; पत्रकारिता के लिए खतरे का अलार्म
पुष्पेन्द्र वैद्य पत्रकार रोहित सरदाना की मौत की ख़बर के बाद अचानक देशभर से अप्रत्याशित प्रतिक्रियाएँ आने लगी। मैंने अपने जीवन में पहली बार किसी की मौत के तुरंत बाद
रोहित सरदाना की मृत्यु पर जिहादी मना रहे हैं जश्न
रोहित सरदाना की मृत्यु पर जिहादी मना रहे हैं जश्न रोहित ने जिहादियों, नेहरू वंशियो ओर वामपंथियों को दिखाया था आईना आचार्य श्री विष्णुगुप्त रोहित सरदाना की उम्र मात्र 42
कोरोना का मंत्रात्मक वैक्सीन लाए पंडित तिवारी
ज्योतिर्विद डॉ. रामकृष्ण डी तिवारी सितम्बर 2020 में मेरी पत्नी के माताजी-पिताजी एवं चचेरे भाई का निधन का हो गया। इसमें से दो का कारण कोरोना महामारी थी। तब से
प्रधानमंत्री के अंदर भी झांकने की जरूरत है !
श्रवण गर्ग आज़ादी के बाद की स्मृतियों में अब तक के सबसे बड़े नागरिक संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी क्या संवेदनात्मक रूप से उतने ही विचलित हैं जितने
#बेरहम_कोरोना
यह लेख #vikash_Mishra जी की वाॅल से है। आजतक के दफ्तर में मेरी सीट से करीब 10 फीट दूर वाली टेबल पर बाईं तरफ पानी की बोतल रखी है, उसी
कहो तो कह दूँ – ऐसा न हो अब कपूर, अजवाइन, और लोंग ब्लेक में मिलने लगें
चैतन्य भट्ट कोरोना ने और कुछ किया हो या न किया हो पर हर दूसरे हिंदुस्तानी को “डॉक्टर” जरूर बना दिया है, जितनी संख्या में कोरोना के वायरस चीन से
दाता मेरे
धैर्यशील येवले दया करो हे दाता मेरे दया करो हे दाता मेरे तुम्ही दयाला दाता मेरे तुम्ही कृपाला दाता मेरे हमें दिखा दो न राहे सभी हमें सिखा दो न
बजरंगबली सदा सहाय करें!
जयंती विशेष/जयराम शुक्ल अपन के गुरुदेव बजरंग बली हैं। गोस्वामी जी कह गए- अउर देवता चित्त न धरई, हनुमत सेइ सर्व सुख करई। गोसाईं जी के लिए बजरंगबली देवता, ईश्वर
यह तो कमाल हो गया भाई, तुम्हें इंजेक्शन मिला कैसे?
कर भला रमेश रंजन त्रिपाठी मैं और एक गरीब सा दिखनेवाला आदमी एकसाथ मेडिकल स्टोर पर पहुंचे। दुकान में एक ही इंजेक्शन बचा था। हम दोनों उसे लेने के लिए
राज-काज: ‘संजीवनी’ बने हेल्थ केयर सोसायटी और प्रेस क्लब….
दिनेश निगम ‘त्यागी’ इस समय जब ‘कोरोना’ त्रासदी के रूप में सामने है। अस्पतालों में न बेड हैं, न इंजेक्शन, वेंटीलेटर और न ही आक्सीजन। ऐसे में पीड़ित पत्रकारों के
ऑक्सिजन के हाहाकार के बीच ‘मीडिया’ का सत्ता के संग ‘सहवास’ !
श्रवण गर्ग हमारी ही जमात के एक सीनियर और किसी जमाने में साथ भी काम कर चुके पत्रकार ने हाल में एक विवादास्पद माँग सोशल मीडिया प्लेटफ़ार्म ‘ट्वीटर’ के ज़रिए
देखते देखते
धैर्यशील येवले इंदौर आंखे है दहकी दहकी बातें है बहकी बहकी मैं बस देखता ही रहा वो गया देखते देखते हालात बिगड़े बिगड़े रहनुमा तगड़े तगड़े रोक सकते थे उसे