आर्टिकल
कोई एफ़आईआर मुझे दबा नहीं सकती है -पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ
भोपाल – प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि “ शिवराज सरकार चाहती है कि मै चुप रहूँ , जनता की आवाज़ ना उठाऊँ , उनके हक़ की लड़ाई
लो अब शाजापुर की अपर कलेक्टर मंजूषा विक्रांत ने भी थप्पड़ मार दिया
अर्जुन राठौर छत्तीसगढ़ में कलेक्टर द्वारा थप्पड़ मारने की घटना के बाद कलेक्टर ने ना केवल माफी मांगी बल्कि उन्हें तुरंत प्रभाव से हटा भी दिया गया लेकिन मध्यप्रदेश के
कोरोना काल और उसके बाद का मीडिया
ज्वलंत/जयराम शुक्ल कोरोना के लाकडाउन ने जिंदगी को नया अनुभव दिया है, अच्छा भी बुरा भी। जो जहां जिस वृत्ति या कार्यक्षेत्र में है उसे कई सबक मिल रहे और
प्रकृति के प्रहरी को मेरा आखरी प्रणाम
सुंदरलाल बहुगुणा देश में पर्यावरण संरक्षण की लोक चेतना के पर्याय थे। उनके निधन से देश ने एक महान ‘वृक्ष मित्र’ को खो दिया है। वे पूरे विश्व को पर्यावरण
जो संकट में साथ दे वही अपना है: यशोधराराजे सिंधिया
कोरोना की इस दूसरी लहर से जहां एक ओर चारों ओर त्राहि-त्राहि मची हुई है और आलोचना-प्रत्यालोचना का दौर जारी है, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनका
शरद जोशी जी को स्मरण करते हुए!
जन्मदिन/जयराम शुक्ल शरद जोशी ने कोई पैतीस साल पहले “हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे” व्यंग्य निबंध रचा था। तब यह व्यंग्य था, लोगों को गुदगुदाने वाला। भ्रष्टाचारियों के सीने में
शिवराज जी दवा देने आए थे या दर्द?
इन्दोर / जिला प्रशाशन द्वारा अचानक से सब्जी व किराना पर प्रतिबंध लगाए जाने को अव्यवहारिक निर्णय बताते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मनीष अजमेरा व अमिताभ सिंघल ने कहा कि
क्यों करेगा कोई किसी की मदद..?
राजेश ज्वेल सिर्फ विरोध के लिए विरोध की राजनीति ने देश का बेड़ा गर्क कर रखा है..नतीज़तन तथ्य और तार्किकता को हाशिए पर पटक फिजूल की बकवास ज्यादा होती है…
उस लहर का ‘पीक’ कभी नहीं आएगा !
-श्रवण गर्ग कोरोना की तीसरी लहर की चिंता हमें छोड़ देनी चाहिए। हो सकता है इसके बाद हमें किसी चौथी और पाँचवीं लहर को लेकर डराया जाए। हमें अब लहऱों
ये मानवता है… जमाखोरी नहीं मि लॉर्ड
@राजेश ज्वेल दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना की दवाइयों-सिलेंडर के मामले में मरीजों के परिजनों की मदद करने वालों को जमाखोर बताया है… जबकि पिछले दिनों देशभर के लोगों ने अपने-अपने
ऑनलाइन पढ़ाई की आवश्यकता और सार्थकता एक विचार
अतुल शेठ – पिछले 1 साल से भी ज्यादा,शिक्षा के क्षेत्र में, ऑनलाइन पढ़ाई का चलन बढ़ता गया है,और अब अधिकतर पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है। वर्तमान कोरोना वायरस को
विधुत्त विभाग भी आधुनिकता की और अपने कदम तेज़ी से आगे बढ़ाए
आधुनिकता के इस युग में सबसे धीमी चाल विधुत मंडल की है ।हम अनेक क्षेत्रों में आगे बढ गए लेकिन इस क्षेत्र में हम पिछड़े हुए है ।देश में
राजनीति में त्रिबिध बयार थे दवे जी
जयराम शुक्ल नर्मदा के नीर की तरह निर्मल निश्छल और पुराणकालीन अमरकंटक में बहने वाली त्रिबिध (शीतल,मंद,सुगंध)बयार से थे अनिल माधव दवे..जी हां उन्हें देखकर यही छवि उभरती थी। मैं
कहो तो कह दूँ = तो कोरोना का “आयुष्मान”,”आधार” और “गरीबी रेखा” का कार्ड भी बनवा दो नेताजी
चैतन्य भट्ट जी हाँ अब ये जरूरी हो गया है कि कोरोना का आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, गरीबी रेखा के नीचे का कार्ड, समग्र आईडी ये सब बनवा दिए जाएँ
ट्राइवल डिप्टी कमिश्नर उज्जैन, डा. केके श्रीवास्तव नहीं रहे
भोपाल: डा. केके श्रीवास्तव, डिप्टी कमिश्नर ( ट्राइवल ) उज्जैन संभाग, आज महाप्रयाण कर गए…केके हमारे बचपन का सहपाठी था और मैं हमेशा उसे केके ही कहता था…अभी कुछ दिन
शिवराज-कमलनाथ ने पेश की नई ‘नजीर’
इस समय जब कोरोना विकराल रूप में है, सरकारी और निजी तौर पर किए जा रहे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं, मरीजों को न बेड मिल रहे, न आक्सीजन,
भगवान शंकराचार्य अवतरण दिवस: धन्य वह भूमि जहां साक्षात् शंकर के चरण पड़े
जयराम शुक्ल – अपने देश की सनातन संस्कृति के अविरल प्रवाह की प्रशस्ति के लिए सर्वप्रिय गीत.. सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा की एक पंक्ति है- कुछ बात है
मोदी जी की नाकामी का दोष उन्हें न दीजिये
राजेश ज्वेल आईटी सेल की तमाम पोस्टों- गोदी न्यूज चैनलों की रिपोर्टिंग देख देश की जनता को पहली फुर्सत में ये मुगालता दूर कर लेना चाहिए कि हमारे प्रधानमंत्री खुद
यह टीका-टिप्पणी का वक्त नहीं
कोरोना के टीके को लेकर भारत में कितनी जबर्दस्त टीका-टिप्पणी चल रही है। नेता लोग सरकारी बंगलों में पड़े-पड़े एक-दूसरे पर बयान-वाणों की वर्षा कर रहे हैं। हमारे
ब्राह्मणत्व जन्म नहीं आचरण का विषय
“यदि शूद्र में सत्य आदि उपयुक्त लक्षण हैं और ब्राह्मण में नहीं हैं, तो वह शूद्र शूद्र नहीं है, न वह ब्राह्मण ब्राह्मण। युधिष्ठिर कहते हैं कि हे सर्प