भारत सरकार ने फरवरी महीने की 1 तारीख को अंतरिम बजट पेश किया था। जिस पर एचडीएफसी बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट, श्री अभीक बरुआ ने बताया कि सरकार ने अंतरिम बजट में कोई बड़ी घोषणाएँ नहीं करने के प्रोटोकॉल का पालन किया। वित्त मंत्री ने पिछले वर्षों में सरकार की प्रगति का लेखा-जोखा दिया और साथ ही आगे का रोडमैप भी तय करते हुए एक संतुलित घोषणा की। सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर अपना ध्यान केन्द्रित करने का वादा किया – 2024-25 के लिए 11.1 लाख करोड़ रुपये का आवंटन निर्धारित करते हुए – साथ ही इंक्लूसिव ग्रोथ अपना लक्ष्य माना है।
उन्होंने आगे कहा कि 2024-25 के लिए इसके रोडमैप में ग्रामीण आवास योजना का विस्तार, घर की छतों पर सौरकरण, मध्यम वर्ग के लिए आवास और सनराइज डोमेन में दीर्घकालिक कम ब्याज वित्तपोषण शामिल हैं। राज्य स्तर पर पर्यटन विकास की दिशा में आगे बढ़ना एक स्वागत योग्य कदम है, क्योंकि इससे रोजगार सृजन में भी मदद मिल सकती है।
अभीक बरुआ ने कहा ‘सरकार राजकोषीय रूप से विवेकपूर्ण ही है, 2023-24 में राजकोषीय घाटे का अनुमान 5.8% जीडीपी रखा गया है- जो बजट में अनुमानित 5.9% जीडीपी से कम है। इसके अलावा, इसने 2025-26 तक 4.5% के मध्यम अवधि के लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रयास में, 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को घटाकर जीडीपी का 5.1% कर दिया। 2024-25 के लिए राजकोषीय लक्ष्य उम्मीद से कम सकल बाजार उधार आंकड़े में तब्दील हो जाता है और बॉन्ड बाजार के लिए सकारात्मक होने की संभावना है।’