CHL Hospital में 300 करोड़ रूपए से अधिक का कालाबाजारी, भ्रष्ट अधिकारी का खुलेंगा काला चिट्टा

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इंदौर पिछले 6 सालों से लगातार स्वच्छता में अव्वल आ रहा है। लेकिन शहर के लिए एक धब्बा लगाने वाली खबर सामने आई है। एलआईजी (LIG) चौराहा पर स्थित चर्चित सीएचएल हॉस्पिटल (CHL Hospital) अब घोटालें (scam) के घेरे में आ गई है। हाउसिंग बोर्ड ने होटल के लिए लीज दी थी लेकिन वहा पर अवैध रूप से हॉस्पिटल चालाया जा रहा है। इस मामलें में हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने कार्यवाही करते हुए सीएचएल हॉस्पिटल को फ्री होल़्ड न किया बल्कि 300 करोड़ से अधिक की राशि भी कमा कर दिया।

अधिकारियों की जांच रिपोर्ट में घोटाले का उजागर

हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों को मामलें की जानकारी मिलते ही जांच शुरू कर दी। बोर्ड के तत्कालीन आयुक्त ने जांच कर पिछले कुछ दिनों पहले रिपोर्ट तैयार कर भोपाल भेजी गई थी। इस रिपोर्ट में हाउसिंग बोर्ड ने फ्री होल्ड घोटाले को सही पाया। अब इस जांच के आधार पर बोर्ड के अधिकारी जल्द कार्यवाही शुरू करेंगे। मिली जानकारी के अनुसार, आयुक्त हाउसिंग बोर्ड ने 5 बिन्दुओं पर यह जांच रिपोर्ट मांगी थी, जिसे अब उपायुक्त ने तैयार करवाकर भोपाल भेजा है।

1970 में होटल के लिए मिली थी जमीन

साल 1970 मेें हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने एलआईजी चौराहा पर होटल सुहाग का निर्माण किया गया था। नुकसानी में चलने के कारण 1986 में इस होटल को बंजारा लिमिटेड के डायरेक्टर राधेश्याम अग्रवाल को 30 साल की लीज यानी किराए पर दे डाला, लेकिन इसकी शर्त कंडिका 7 में यह स्पष्ट रूप से कहा गया कि उक्त भूमि और भवन में केवल होटल व्यवसाय का संचालन किया जा सकेगा। मगर आर्थिक संकट के चलते यह समूह भी होटल चला नहीं पाया और फिर बाद में इसका संचालन 1999 में कन्वेनिएंट होटल्स लिमिटेड को चला गया, लेकिन लीज शर्तों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ और होटल व्यवसाय चलाने के लिए ही हाउसिंग बोर्ड ने कन्वेनिएंट होटल्स लिमिटेड के नाम से ही नामांतरण भी किया, जिसके डायरेक्टर डॉ. राजेश जैन थे और उन्हीं के हस्ताक्षर भी हैं।

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जूं तक नहीं रेंगी अधिकारियों के सिर की

गौरतलब है कि, कन्वेनिएंट होटल्स लिमिटेड से कन्वेनिएंट हॉस्पिटल लिमिटेड नाम करते हुए होटल के बजाय सीएचएल हॉस्पिटल का संचालन शुरू कर दिया। इसके बाद कई लोगों ने इस मामलें की शिकायतें की, लेकिन अधिकारी के सिर पर जूं तक नही रेंगी और शिकायतों को डस्टबिन में डालते रहे। फिर कुछ वर्ष पूर्व जब हाउसिंग बोर्ड ने 20.01.2015 के अपने मुख्यालय द्वारा जारी सर्कुलर के आधार पर लीज की सम्पत्तियों को सशर्त फ्री होल्ड में परिवर्तित करने की प्रक्रिया शुरू की तो सीएचएल के चालाक कर्ताधर्ताओं ने इसका भी फायदा उठा लिया।

अवैध अनुमति दी

हाउसिंग बोर्ड में सांठगांठ कर होटल की जगह हॉस्पिटल संचालित हो रही अवैध सम्पत्ति को फ्री होल्ड करने का आवेदन दिया और हाउसिंग बोर्ड के भ्रष्ट अधिकारियों ने उसे न सिर्फ स्वीकार किया, बल्कि कलेक्टर गाइड लाइन के आधार पर डेढ़ फीसदी भूखंड राशि के आधार पर 85 लाख 65 हजार 180 रुपए जमा करवाकर कन्वेनिएंट हॉस्पिटल लिमिटेड को फ्री होल्ड की अवैध अनुमति दे डाली। जबकि नियमानुसार होटल की जगह चल रहे हॉस्पिटल की सम्पत्ति को फ्री होल्ड करने के बजाय बेदखली का नोटिस जारी किया जाना था। 85 लाख 65 हजार की राशि जमा करवाकर सीएचएल के कर्ताधर्ताओं ने 300 करोड़ रुपए से अधिक में इस हॉस्पिटल को केयर समूह को पिछले दिनों बेच डाला।

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इस घोटालें का उजागर कुछ मीडिया संस्थान ने किया। उसके बाद हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी निंद से जागे। 22 जून 2022 को आयुक्त ने 5 बिंदुओं के आधार पर जानकरी मांगी। आयुक्त ने अपने पत्र में ही स्पष्ट लिखा कि सम्पदा अधिकारी द्वारा जो दस्तावेज बताए गए उससे स्पष्ट है कि उपपंजीयक कार्यालय में रजिस्ट्री कन्वेनिएंट होटल के पक्ष में हुई।

मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल ने सम्पत्ति का हस्ताक्षर भी कन्वेनिएंट होटल के पक्ष में किया, लेकिन सम्पत्ति अधिकारी संभाग इंदौर द्वारा उपायुक्त वृत्त इंदौर को जो प्रस्ताव फ्री होल्ड के संबंध में भेजा उसमें स्वीकृति कन्वेनिएंट हॉस्पिटल के पक्ष में कर दी गई। इतना ही नहीं, नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा मंडल की अनुमति की प्रत्याषा में उक्त भवन को होटल उपयोग के स्थान पर हॉस्पिटल प्रयोजन उपयोग की अनुमति दी गई।

CHL के मालिक को रखा अंधेरे में

सीएचएल के कर्ताधर्ताओं ने हैदराबाद के जाने-माने केयर समूह को भी टोपी पहना दी और उन्हें अंधेरे में रखकर 340 करोड़ में हॉस्पिटल बेच डाला। यहां तक कि योजना 114 में प्राधिकरण के डिस्पेंसरी उपयोग के भूखंड पर भी विशाल अवैध हॉस्पिटल बना लिया। उस पर प्राधिकरण को भी लीज शर्तों के उल्लंघन की कार्रवाई करना है।