पवन देवलिया
वन समितियों का सम्मेलन,तेंदू पत्ता संग्राहकों को लाभांश का वितरण यह महज एक औपचारिक सरकारी आयोजन है जिसमें शामिल होने के लिए भाजपा के कद्दावर नेता अमित शाह भोपाल यात्रा पर है. अमित शाह का मध्यप्रदेश दौरा कितना महत्वपूर्ण है यह भोपाल एयरपोर्ट से लेकर भाजपा कार्यालय और जम्मूरी मैदान तक सुरक्षा, सजावट और स्वागत देखकर समझा जा सकता है. देश के कई गृहमंत्री भोपाल आये और चले गये लेकिन अमित शाह ने गृहमंत्री पद से ऊपर जाकर संघठन में जो ताकत दिखाई या यह भी कह सकते है कि संघठन में अपनी दक्षता के बल पर भाजपा को वह सब करके दिखाया जो नामुमकिन जैसा दिख रहा था। यूपी में लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी का श्रेय शाह को ही जाता है.
एमपी में 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार मामूली अंतर से चली गई थी, शाह का शाही दौरा स्पष्ट संकेत है कि लडाई 2023 के लिए शुरू हो चुकी है. सरकारी दौरा औपचारिक है वास्तविक दौरे की वजह सरकार और संगठन में मची दहशत को देखकर समझ सकते है. अमित शाह दो घंटे प्रदेश भाजपा कार्यालय में संघठन और सरकार की बडी क्लास लेगें । शाह की क्लास में मध्य प्रदेश भाजपा के सभी पूर्व अध्यक्ष और सभी केंद्रीय मंत्री उपस्थित रहेगें । भारत सरकार के दिग्गज केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र तोमर सहित सिंधिया,वीरेंद्र खटीक, फग्गन सिंह,प्रहलाद पटेल होगे, संघठन की ओर से प्रभारी मुरलीधर राव, पंकजा मुडें से लेकर प्रदेश के सभी पूर्व अध्यक्ष से फीडबैक लेकर नई दिशा तय की जाने की भी चर्चा है.
Read More : Malaika Arora को लोगों ने बोला ‘बुड्ढी’, जाने बड़ी वजह
मध्यप्रदेश में सत्ता और संघठन के तालमेल के बाद भी जो खबरें छनकर बाहर आती है उस लिहाज से 2023 में होने वाले चुनावों में कुछ रोड़ा अटका सकती हैं,भाजपा के कई बुजुर्ग मंत्री सत्ता और संघठन को लगातार कटघरे में खड़ा करते हैं जिसका असर अधिकारी कर्मचारियों से लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में देखा जा सकता है. शाह के दौरे से पहले एक केन्द्रीय मंत्री को बाकायदा ताकीद दी गई कि वह अपने पुराने लाव लश्कर को लेकर ना आए, अन्य केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक, प्रहलाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते का अपने क्षेत्र के अलावा आसपास क्या प्रभाव है इस पर भी पूछे जाने चर्चा है.
Read More : जिला अस्पताल से गायब हुई 2 दिन की बच्ची, पुरे Dewas में परिजनों ने मचाया हंगामा
शाह भारत सरकार में मंत्री वैसे ही मंत्री है जैसे प्रदेश के अन्य मंत्री है, शाह के पास संघठन का अलग से कोई दायित्व ही नहीं है कि वह मध्य प्रदेश भाजपा संगठन की इतने बड़े स्तर की बैठक ले रहें है। संकेत स्पष्ट है कि शाह की भूमिका 2023 में कैसी रहने वाली है भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने संघठन के विस्तार में किये गये विस्तृत प्रयोगों की चर्चा केन्द्रीय संघठन में होती रहती है,चौथी बार शिवराज और पांचवी बार फिर शिवराज ही चेहरा होगें इसमें भी कोई संशय नहीं है परंतु कोई कमी न रह जाये इसके लिए सरकार और संघठन के कुछ लोगों को विश्राम देकर नये प्रभावी चेहरों को सरकार और संगठन में स्थान देने की योजना भी बन सकती है. गोपाल भार्गव, मीना सिंह, विजय शाह, बिसाहूलाल सिंह सहित आधा दर्जन चेहरों को विश्राम देकर नये जिताऊ प्रभावी चेहरों का उपयोग मंत्री मंडल किया जा सकता है। शाह के दौरे से मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 का शंखानंद माना जा रहा है ।