हमारी रंगारंग गेर को मार्केटिंग और प्रमोशन की भी जरुरत नहीं : ब्रजेश जोशी

Shivani Rathore
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ब्रजेश जोशी!

इसे ही कहते है सच्चा प्रेम… जो आज इन्दौरियों ने रंगों से सराबोर गेर में शामिल होकर दिखाया एवं राजवाड़ा पर आकर प्रकट भी किया। 2 साल बाद कोविड से उभरे शहर के लिए आज का दिन (मंगलवार)एक बार फिर यादगार बन गया या कहले एक नया रिकार्ड भी बना गया। भारतीय संस्कृति और त्योहारी परंपरा का अलख जगाती रंगारंग गेर में आज जन आस्था का जो सैलाब सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक इन्दौरियों को देखने को मिला उसकी भव्यता की चर्चा सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनल्स पर तो हो ही रही है कल शहर भर के अखबारों में भी तस्वीरों और खबरों के माध्यम से उसे बताया और दिखाया जाएगा।गौरतलब है कि हमारे शहर की रंगों से सराबोर गेर को किसी भी तरह की मार्केटिंग और प्रमोशन की जरुरत भी नहीं पड़ती यह एक बार फिर सिद्ध हुआ है। यहाँ तो बिना निमंत्रण के ही बहुत ही बड़ी संख्या में लोग दूर दूर से चले आते हैं यह देखने कि अबकी बार टैंकरों और मिसाइलों से रंग उड़ाती, रंग बरसाती मौज -मस्ती के साथ निकलने वाली उत्सवी गेर का रंग कैसा है , उसका मिजाज कैसा है ! मित्रों, हमारी सभी परंपरागत गेरों का असली स्वरुप तो हमें उनके राजवाड़ा पर आने पर ही पता चलता है क्योंकि हमारा राजवाड़ा ही एक ऐसा स्थल है जहाँ सभी गेरों की भव्यता खूब दिखती है, उसका असली स्वरुप दिखता है और यही उसे मीडिया और सोशल मीडिया की टीमों के द्वारा कैमरों में भी उतारा जाता है।उल्लेखनीय है कि इस बार गेर में टोरी कार्नर की गेर शामिल नहीं हुई बावजूद इसके अन्य 4 अन्य गेरों की भव्यता, उसमें शामिल होने वालों की संख्या पर कोई प्रभाव नहीं दिखा। अबकी बार तो गेर ने पूर्व के 75 साल के सारे रिकार्ड तोड़ दिए और यह साबित कर दिया कि सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों में भी हमारा शहर नंबर एक है !आज गेर के आयोजन में महिलाओं और बच्चों बहुत बड़ी संख्यां में उपस्तिथि भी यही साबित करती है। अबकी बार हमारी परंपरागत गेर को वर्ल्ड हेरिटेज की सूची में शामिल होने का मौका भी मिल जाए तो आश्चर्य नहीं।

मित्रों ,आज गेर के साथ इस बात पर भी चर्चा करना जरुरी है कि इस साल गेर निकालने का निर्णय ऐनवक्त पर होने से लग रहा था कि इतनी जल्दी कैसे क्या तैयारी होगी !कोविड के डर से लोग गेर से दूर तो नहीं रहेंगे ! लेकिन प्रशासन की अनुमति के बाद प्रशासन ने गेर मार्ग को तो सुधारा ही साथ ही आज विशेष प्रबंध कर लाखों की संख्यां आए लोगों की भीड़ को खूब नियंत्रित भी किया।

बकोल एक प्रशासनिक अधिकारी “आज इन्दौरियों का जो सैलाब गेर में देखने को मिला वो पुरे प्रशासन को भी अचंभित कर गया, उम्मीद से कहीं ज्यादा लोगों को देख लगा कि जैसे शहर कोरोना मुक्त भी हो गया।” आज गेर की कामयाबी के बाद प्रशासन का भी धन्यवाद तो बनता ही है क्योंकि कोई भी बड़ा आयोजन बिना प्रशासन के सहयोग से कामयाब नहीं होता।

प्रशासन को सेल्यूट और गेर आयोजकों को खूब बधाई …आप सभी के संयुक्त प्रयासों से हमारा शहर आज कोरोना के खौफ़ से मुक्त दिखा और दो साल के विराम के बाद सालों से चली आ रही परंपरा की फिर शुभ शुरुआत हुई,जय हो सभी इन्दौरियों की जो आज बेखौफ गेर में शामिल हुए और एक बार फिर अपनी उत्सवी परंपरा का शंखनाद किया … एक बड़े और सफल आयोजन की खबर तो बनती ही है।