ब्रजेश जोशी!
इसे ही कहते है सच्चा प्रेम… जो आज इन्दौरियों ने रंगों से सराबोर गेर में शामिल होकर दिखाया एवं राजवाड़ा पर आकर प्रकट भी किया। 2 साल बाद कोविड से उभरे शहर के लिए आज का दिन (मंगलवार)एक बार फिर यादगार बन गया या कहले एक नया रिकार्ड भी बना गया। भारतीय संस्कृति और त्योहारी परंपरा का अलख जगाती रंगारंग गेर में आज जन आस्था का जो सैलाब सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक इन्दौरियों को देखने को मिला उसकी भव्यता की चर्चा सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनल्स पर तो हो ही रही है कल शहर भर के अखबारों में भी तस्वीरों और खबरों के माध्यम से उसे बताया और दिखाया जाएगा।
मित्रों ,आज गेर के साथ इस बात पर भी चर्चा करना जरुरी है कि इस साल गेर निकालने का निर्णय ऐनवक्त पर होने से लग रहा था कि इतनी जल्दी कैसे क्या तैयारी होगी !कोविड के डर से लोग गेर से दूर तो नहीं रहेंगे ! लेकिन प्रशासन की अनुमति के बाद प्रशासन ने गेर मार्ग को तो सुधारा ही साथ ही आज विशेष प्रबंध कर लाखों की संख्यां आए लोगों की भीड़ को खूब नियंत्रित भी किया।
बकोल एक प्रशासनिक अधिकारी “आज इन्दौरियों का जो सैलाब गेर में देखने को मिला वो पुरे प्रशासन को भी अचंभित कर गया, उम्मीद से कहीं ज्यादा लोगों को देख लगा कि जैसे शहर कोरोना मुक्त भी हो गया।” आज गेर की कामयाबी के बाद प्रशासन का भी धन्यवाद तो बनता ही है क्योंकि कोई भी बड़ा आयोजन बिना प्रशासन के सहयोग से कामयाब नहीं होता।
प्रशासन को सेल्यूट और गेर आयोजकों को खूब बधाई …आप सभी के संयुक्त प्रयासों से हमारा शहर आज कोरोना के खौफ़ से मुक्त दिखा और दो साल के विराम के बाद सालों से चली आ रही परंपरा की फिर शुभ शुरुआत हुई,जय हो सभी इन्दौरियों की जो आज बेखौफ गेर में शामिल हुए और एक बार फिर अपनी उत्सवी परंपरा का शंखनाद किया … एक बड़े और सफल आयोजन की खबर तो बनती ही है।