हम पहले भी 2 बार कोरोना महामारी(corona pandemic) से जूझ चुके है और एक बार फिर से थर्ड वेव के रूप में इससे हमारा सामना हो रहा है। लेकिन पुराने अनुभवों के बावजूद यदि हम नही संभलते है तो निश्चित तौर पर यह एक बड़ी लापरवाही होगी। क्योकि हम देख रहें है धीरे धीरे संक्रमण ने रफ़्तार पकड़ ली है। उक्त बाते मेदांता सुपरस्पेशेलिटी अस्पताल, इंदौर(Medanta Superspeciality Hospital, Indore) की डॅा ज्योति वाधवानी(Dr. Jyoti Wadhwani) ने कही।
उन्होने बताया कि सेकंड वेव की तुलना में देखा जाये तो वर्तमान में पेशेंट संक्रमित तो हो रहें है पर रिकवरी रेट बेहतर है। पेशेंट जल्दी ठीक रहें है। पहले जो निमोनिया, साँस की तकलीफ, ऑक्सीजन वाली समस्या थी वह वर्तमान में नही है, लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल नही कि हम लापरवाही बरते, क्योंकि वेरिएंट चेंज होते रहते है हमे सावधानी बरतना होगी।
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आपके लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि 80% COVID रोगियों में बीमारी के हल्के लक्षण दिखाई देते हैं। उन्हें अधिक अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है, और विशिष्ट सावधानी बरतकर घर पर ही प्रबंधित किया जा सकता है, लेकिन एक चिकित्सकीय देखरेख में ताकि किसी भी आपात स्थिति को आसानी से प्रबंधित किया जा सके। मेदांता आपके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए आपके देखभाल करने वाले की कुछ मदद से आपके स्वास्थ्य का प्रबंधन करने के लिए 7 दिनों का व्यापक घरेलू देखभाल कार्यक्रम प्रदान करता है।। स्टेरॅायड के डोज को लेकर उन्होने बताया कि फिलहाल ऐसी कोई स्थिति नजर नही आती मरीज सामान्य दवाईयों से ठीक हो रहे है।