वह मनहूस दिन तो याद ही होगा आपको, 8 दिसंबर 2021, देश के सबसे बड़े सैन्य अधिकारी सीडीएस बिपिन रावत, अपनी पत्नी और 12 अन्य सैन्य अधिकारियों के साथ हेलिकॉप्टर से तमिलनाडु में वेलिंग्टन के लिए जा रहें थे और दोपहर में अचानक सीडीएस का हेलिकॉप्टर क्रैश(helicopter crash) होने की खबर आई। ये खबर उस समय आई जब देशभर के लोगों की नजरें संसद सत्र पर लगी हुई थीं, और उधर किसान आंदोलन समाप्त करने के लिए सरकार एक प्रस्ताव भी दे चुकी थी। तभी आग में घिरे मलबे को देख और इसके कुछ समय बाद सीडीएस के निधन की पुष्टि होने से पूरा देश दुःख के सैलाब में डूब गया।
इस हेलीकॉप्टर क्रैश के बाद जांच कमेटी गठित की गई थी अब खबर हैं कि इस हेलिकॉप्टर क्रैश की वजह पता चल गई है। तीनों सेनाओं की जांच रिपोर्ट के नतीजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के समक्ष प्रस्तुत कर दिए गए हैं। हालांकि आधिकारिक रूप से अभी कुछ बताया तो नहीं गया है, लेकिन सूत्रों के हवाले से जो बातें सामने आ रही हैं वो ये बताने के लिए काफी हैं कि हेलिकॉप्टर क्रैश होने से 8 मिनट पहले की उस अवधि में क्या हुआ होगा।
सूत्रों के अनुसार जांच में पता चला है कि उस दिन तमिलनाडु का मौसम खराब था। पायलट हेलिकॉप्टर को जमीन से करीब 500-600 मीटर की ऊंचाई पर उड़ा रहे थे। मीडिया रिपोर्ट का भी दावा है कि Mi-17V5 उस दिन पहाड़ी पर एक रेलवे लाइन के सहारे आगे बढ़ रहा था और तभी चारों तरफ से बादल घिर आए।
जांच दल ने ये भी पाया कि इलाके की जानकारी होने के कारण क्रू ने तेजी से बादलों के घेरे से निकलने का फैसला किया और इसी प्रक्रिया में चॉपर एक खड़ी चट्टान से जा टकराया। सूत्रों ने बताया है कि चूंकि पूरा क्रू ‘मास्टर ग्रीन’ कैटेगरी का था इसलिए उन्हें यह भरोसा था कि वे इस परिस्थिति से बाहर निकल जाएंगे और शायद इसीलिए उस दिन ग्राउंड स्टेशन को कोई डिस्ट्रेस कॉल नहीं की गई जिससे इमर्जेंसी पता चलती।
सूत्रों का कहना हैं कि मास्टर ग्रीन कैटेगरी, तीनों बलों के हेलिकॉप्टर बेड़े और परिवहन विमान के बेस्ट पायलटों को दी जाती है, क्योंकि वे कम दृश्यता में भी लैंड या प्लेन को टेक ऑफ करने में एक्सपर्ट होते हैं। हालांकि जांच दल ने ये सिफारिश भी की है कि इस घटना को देखते हुए आगे इस तरह के क्रू में मास्टर ग्रीन के साथ अन्य कैटेगरी के पायलटों को भी शामिल किया जाए जिससे वे ग्राउंड स्टेशनों से मदद मांग सकें। इस जांच कमेटी के अध्यक्ष एयर मार्शल एम. सिंह थें और इस कमेटी ने ऐसी कई अन्य सिफारिशें भी की हैं।