कथित हिन्दू ‘धर्म संसद'(Dharma Sansad) में महात्मा गांधी को अपशब्द बोलने और अमर्यादित टिप्पणी करने वाले संत कालीचरण(Kalicharan) की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
सोमवार के दिन जब रायपुर की जिला अदालत में कालीचरण को पेश किया गया तो डेढ़ घंटे तक वकीलों की दलील सुनने के बाद जज ने आदेश दिया कि उसे अभी जेल में ही रखा जाएगा और 13 जनवरी तक न्यायिक रिमांड भी बढ़ा दी है।
आपको बता दे, खुद को कालीपुत्र बताने वाले कालीचरण(Kalicharan) ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित कथित ‘धर्म संसद'(Dharma Sansad) में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया था और टिप्पणी करते हुए कहा था कि हमने अपनी आंखों से देखा कि कैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश पर कब्जा किया गया। मोहनदास करमचंद गांधी ने उस वक्त देश का सत्यानाश कर दिया। उसने कहा कि मैं गांधी से नफरत करता हूं, मेरे हृदय में गांधी के प्रति नफरत भरी है। जबकि मैं गोडसे को कोटि-कोटि नमस्कार करता हूं, उनके चरणों में मेरा साष्टांग प्रणाम है, क्योंकि उन्होंने गाँधी को मार दिया।
कालीचरण (Kalicharan)को रायपुर की जिला कोर्ट में जज विक्रम चंद्रा की अदालत में पेश किया गया था। जहां कालीचरण के वकीलों ने बेल कराने के लिए तमाम दलीलें दीं और पुलिस की कार्रवाई को गलत भी ठहराने की कोशिशे की। लेकिन जज विक्रम चंद्रा ने इन दलीलों को मानने से इंकार कर दिया। और 13 जनवरी तक न्यायिक रिमांड बढ़ा दी है। हालांकि खबर है कि कालीचरण के वकील अब हाईकोर्ट में भी अपील कर सकते हैं।