उज्जैन 16 अगस्त। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी आशीष सिंह एवं पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह ने आगामी गणेश उत्सव एवं मोहर्रम के त्यौहारों के दौरान कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिये केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा जारी गाईड लाइन एवं गृह मंत्रालय मप्र शासन की ओर से जारी दिशा-निर्देश के अनुसार सार्वजनिक स्थानों पर गणेश प्रतिमाओं की स्थापना, ताजियों की स्थापना, प्रदर्शन एवं चल समारोह पर रोक के निर्देशों का सख्ती से पालन करने के निर्देश जिले के सभी एसडीएम एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस को दिये हैं। कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि बिना किसी भेदभाव के राज्य शासन द्वारा जारी किये गये निर्देशों का पालन करवाया जाये। कलेक्टर ने साथ ही कहा है कि शासकीय कार्यालयों में गणेश प्रतिमा की स्थापना नहीं की जाये। कलेक्टर ने राज्य शासन की गाईड लाइन के बारे में ग्राम स्तर तक अवगत कराने एवं प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये हैं। बैठक में एडीएम बिदिशा मुखर्जी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश भूरिया एवं जिले के सभी एसडीएम व एसडीओ पुलिस उपस्थित थे।
कलेक्टर ने कहा कि 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी एवं 30 अगस्त को मोहर्रम का त्यौहार आ रहा है। इसके मद्देनजर कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये भी सभी एसडीएम एवं पुलिस अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में निरन्तर निगरानी रखें। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए गणेश उत्सव के दौरान सार्वजनिक रूप से मूर्ति की स्थापना एवं सामूहिक पूजा-अर्चना पर रोक रहेगी। लोग केवल अपने घरों में रहकर पूजन-अर्चन कर सकेंगे। इसी तरह मोहर्रम के अवसर पर जुलूस एवं ताजियों के प्रदर्शन तथा कत्ल की रात व मेहंदी की रात निकलने वाले जुलूसों के साथ ताजिये देखने के लिए लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगाई गई है।
कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने कहा कि ताजियों का सार्वजनिक जगह पर रखना और उनका आम जनता द्वारा दर्शन करना प्रतिबंधित रहेगा। ताजियों के घोड़े, अखाड़े, बुर्राक, दुलदुल, छबील आदि का प्रदर्शन नहीं होगा। साथ ही हलीम खिचड़ा बनाकर वितरण भी नहीं किया जाएगा।
बैठक में पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह ने कहा कि सभी प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारी अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में त्यौहार आयोजन करने वाली समितियों की बैठक आयोजित कर राज्य शासन की गाईड लाइन से उनको अवगत करा दें। उन्होंने संवेदनशील स्थान पर पर्याप्त मात्रा में फोर्स डिप्लॉय करने के निर्देश दिये हैं। राज्य शासन की गाईड लाइन का पालन ग्रामीण स्तर तक हो, यह सुनिश्चित करने के लिये गांवों के सरपंचों से सम्पर्क कर उनको ग्राम स्तर की बैठकें आयोजित करने के लिये कहा जाये।