किस्सा ए पानी पुरी

Akanksha
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शैलेश वाणी

कोरोना के मरीजों को बढ़ते हुए देख जिलाधीश महोदय ने पानी पुरी पर प्रतिबंध लगा दिया।
शुरुआत में तो लोगों ने कहा कि अच्छा हुआ पानी में उंगली डूबाकर देने से कोरोना बहुत अधिक फैलेगा पर ज्यादा दिनों तक लोग बात को पचा नहीं पाए मुंह में पानी आने लगा l विरोध के स्वर उठने लगे कुछ लोगों ने तर्क दिया कि पानी पूरी अर्थात पानी पतासे अर्थात गोलगप्पे वाले की पूर्ण जांच करो और यदि वह नेगेटिव आता है तो उसे एक सर्टिफिकेट दो जोकि वह अपनी दुकान पर लगाएगा और बेचने की अनुमति दो l अरे 3 महीनों से पानी पूरी नहीं खाई है और दूसरी तरफ अन्य खाने पीने की चीजों में भी तो खतरा हैl
व्हाट्सएप वह फेसबुक पर कुछ लोगों ने कलेक्टर महोदय के इस तुगलकी फरमान के विरोध में अभियान छेड़ दिया और महिलाओं ने इस अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया “अरे यह कर सकते हैं कि वह उंगली डूबा कर नहीं खिलाएगा बल्कि बड़े चम्मच से पानी भरकर देगा पर लोगों से पानी पुरी का सुस्वाद छीनना एक अत्याचार है l”
व्हाट्सएप और फेसबुक पर एक बड़ा सोशल मीडिया अभियान व बहस शुरु हो गए l कुछ लोगों ने समर्थन किया व कुछ लोगों ने विरोध किया कुछ लोगों का मौनन समर्थन था l
बात सीएम साहब तक पहुंची, पहले तो सीएम साहब ने कलेक्टर महोदय की बात का समर्थन किया पर घर पर उनकी पत्नी जी ने ही उनका विरोध किया पत्नी जी को पानी पुरी बहुत पसंद थी सीएम साहब ने कहा कि हम घर पर ही बनवा देते हैं इस पर पत्नी जी ने कहा कि हम तो जो चाहे घर पर बनवा सकते हैं पर आम लोगों का क्या जो कि ₹10 में 6 पानी पुरी खाकर एक संतुष्टि अनुभव करते हैं ऊपर से पपड़ी अलग मिलती है वह भी बिल्कुल फ्री में l बात सचिवालय तक पहुंची सचिवालय में भी आधे लोग प्रतिबंध के पक्ष में थे वह आधे विपक्ष मेंl महिला अधिकारी सारी इस प्रतिबंध के विपक्ष में ही थीं l मामला बढ़ता गया प्रश्न विधानसभा में उठा कि गरीबों को ₹10 में यदि 6 पानी पूरी का नाश्ता मिल जाता है तो इसमें क्या बुराई है कुछ पानीपुरी वाले तो ₹5 के तीन भी दे देते हैं और पपड़ी अलग से, इस पानी पुरी से गरीब के जबान को जो संतुष्टि मिलती है उसका क्या? अरे बाकी सारी वस्तुएं भी तो अनलॉक में खुली हुई हैं फिर पानीपुरी तो इस देश की मेरुदंड है l यह एक असंगठित किंतु बड़ा व्यापार हैl यह एक गृह उद्योग की तरह है कई लोगों की रोजी रोटी चलती है यदि यह बंद कर दी जाएगी तो लोगों से रोजगार छिन जाएगा और वह सब पानीपुरी वाले भूखे मरेंगे रोज़गार न होने से देश में लूट पट्टी व अपराध बढ़ने की संभावना है l
विपक्ष ने यह प्रश्न जोर शोर से विधानसभा में उठाया l
आने वाले उपचुनाव को देखते हुए सत्ता पक्ष ने इस पर गंभीर विचार किया और सीएम साहब ने निर्णय लिया की पानी पुरी से प्रतिबंध तुरंत हटा लिया जाए इसके पश्चात सीएम साहब ने तत्काल प्रभाव से ऐसे कलेक्टर को सस्पेंड करने का आदेश निकाल दिया जिसने जनता की भावनाओं को ध्यान में न रखते हुए इस निर्णय निर्णय को लागू किया थाl सीएम साहब ने आश्वासन दिया कि जनता के मुंह से पानी पूरी नहीं छीनी जाएगी l

यह एक पूर्णतः काल्पनिक कथा है जिसका उद्देश्य केवल मनोरंजन मात्र है वास्तविकता से का कोई संबंध नहीं है यदि किसी को कथा से आपत्ति है या ठेस लगती है तो लेखक क्षमा प्रार्थी है धन्यवाद