विजय अड़ीचवाल
आज बुधवार, आश्विन कृष्ण द्वितीया तिथि है।
आज रेवती नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)
-आज द्वितीया तिथि का श्राद्ध है।
-श्राद्ध कर्म करने और ब्राह्मण भोजन का समय प्रातः 11:36 बजे से 12: 24 बजे तक का है।
-इस समय को कुतप वेला कहते हैं। उक्त समय मुख्य रूप से श्राद्ध के लिए प्रशस्त है।
-श्राद्ध का भोजन रजस्वला स्त्री के देखने से व्यर्थ हो जाता है।
-श्राद्ध के समय घरघराहट की ध्वनि, ओखली के कूटने का शब्द या सूप के फटकने की आवाज नहीं होना चाहिए।
-श्राद्ध का निमन्त्रण आने पर ब्राह्मण को अपने घर या अन्य किसी के यहां भोजन नहीं करना चाहिए।
-श्राद्ध का भोजन करने वाले ब्राह्मण के आसन के आसपास काले तिल बिखेर देना चाहिए।
-श्राद्ध में देशी गाय का दूध और घी उत्तम माना गया है।
-किसी की मृत्यु होने पर जब तक उसकी बरसी (वार्षिक श्राद्ध) नहीं हो जाए, तब तक आश्विन मास के श्राद्ध पक्ष में श्राद्ध नहीं करना चाहिए। (स्कन्द पुराण)
-श्राद्ध के दिन यदि किसी का उपवास हो और रात्रि में भोजन करना है तो ब्राह्मण भोजन के बाद अपने हिस्से के भोजन को सूंघकर गाय को खिला देना चाहिए। फिर रात्रि में भोजन कर लेवें।