सिंहस्थ के पहले नहीं चल पाएगी इंदौर-उज्जैन मेट्रो, 12 हजार करोड़ आएगा संचालन में खर्च

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By Abhishek SinghPublished On: December 10, 2025

इंदौर–उज्जैन के बीच प्रस्तावित मेट्रो कॉरिडोर की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि सिंहस्थ 2028 से पहले इस कॉरिडोर पर मेट्रो संचालन शुरू करना संभव नहीं होगा। हालांकि, योजना यह है कि सिंहस्थ के समापन के बाद पूरे मार्ग पर निर्माण कार्य की गति तेज कर दी जाएगी। इस माह के अंत तक यह रिपोर्ट भोपाल में प्रस्तुत की जाएगी।

मुख्यमंत्री मोहन यादव चाहते थे कि ट्रायल रन पर चल रही इंदौर मेट्रो को सिंहस्थ से पहले उज्जैन तक बढ़ाया जाए। इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने व्यापक सर्वेक्षण कराया। कॉर्पोरेशन के सूत्रों के अनुसार, सर्वे में यह पता चला कि इंदौर–उज्जैन मेट्रो मार्ग के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में लगभग 12,000 करोड़ रुपए का निवेश आवश्यक होगा।

करीब 45 किलोमीटर लंबी इस मेट्रो कॉरिडोर के लिए तैयार की गई डीपीआर अब अंतिम चरण में पहुँच चुकी है। मेट्रो कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, भोपाल में होने वाले प्रजेंटेशन में यदि प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलती है, तो इसे अंतिम स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार, दिल्ली भेजा जाएगा।

इंदौर–उज्जैन मेट्रो कॉरिडोर होगा पूरी तरह एलिवेटेड

मेट्रो की तैयार डीपीआर के अनुसार, इंदौर से उज्जैन तक पूरा कॉरिडोर एलिवेटेड होगा। उज्जैन शहर की सीमा में प्रवेश करते ही ट्रेन को भूमिगत करने की योजना है। लगभग 45 किलोमीटर लंबी इस लाइन में 11 स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें से 4.5 किलोमीटर हिस्सा शहर के भीतर भूमिगत रहेगा।

मेट्रो का शुरुआती स्टेशन लवकुश नगर होगा, जबकि अंतिम स्टेशन उज्जैन रेलवे स्टेशन तय किया गया है। प्रस्तावित मार्ग में भौंरासला, बारोली, धरमपुरी, तराना, सांवेर, पंथ पिपलई, निनोरा, त्रिवेणी घाट, नानाखेड़ा, उज्जैन आईएसबीटी और उज्जैन रेलवे स्टेशन शामिल हैं। शहर के भीतर मेट्रो को किस बिंदु से भूमिगत किया जाएगा, इस पर अभी अंतिम निर्णय बाकी है।