मध्यप्रदेश में अक्टूबर के अंतिम दिनों में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। गुरुवार, 30 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में आसमान पर घने बादल छाए रहेंगे। मौसम विभाग ने कई जिलों में बारिश और तेज हवाओं का अलर्ट जारी किया है। खासकर पूर्वी हिस्सों में आज बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है। वहीं, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग के जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। उधर भोपाल, इंदौर और उज्जैन में आज दिनभर तेज हवाएं चल सकती हैं, जिससे तापमान में गिरावट और ठंडक का अहसास बढ़ेगा।
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के सिस्टम का असर
सीनियर मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, अरब सागर में बना डिप्रेशन सिस्टम और बंगाल की खाड़ी में सक्रिय डीप डिप्रेशन वर्तमान में प्रदेश के मौसम को प्रभावित कर रहे हैं। इसके अलावा, उत्तर भारत के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी सक्रिय है। इन तीनों मौसम तंत्रों का संयुक्त प्रभाव प्रदेश के लगभग एक चौथाई हिस्से पर देखने को मिलेगा। इनमें से सबसे ज्यादा प्रभाव पूर्वी और दक्षिणी जिलों में पड़ेगा, जहां बारिश का सिस्टम अधिक मजबूत रहेगा।
इन 12 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
अगले 24 घंटों में राज्य के कई इलाकों में तेज से बहुत तेज बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने 12 जिलों के लिए विशेष चेतावनी जारी की है, जहां 2.5 से 4.5 इंच तक बारिश दर्ज की जा सकती है। इनमें सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, मैहर, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट शामिल हैं। इन क्षेत्रों में कुछ जगहों पर बिजली गिरने और पेड़ों के गिरने जैसी घटनाओं से सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
कई जिलों में गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश
प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी मौसम का असर दिखेगा। नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, जबलपुर, कटनी, पन्ना, खंडवा, बुरहानपुर और हरदा जिलों में हल्की वर्षा के साथ गरज-चमक और बिजली चमकने की संभावना है। इन इलाकों में हवा की रफ्तार करीब 40 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है। किसानों को फसल कटाई और भंडारण कार्य फिलहाल टालने की सलाह दी गई है, ताकि नुकसान से बचा जा सके।
ठंड का असर बढ़ेगा, नवंबर की शुरुआत ठंडी होगी
मौसम विभाग का अनुमान है कि इस बारिश के बाद प्रदेश में दिन और रात के तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी। पहाड़ी और दक्षिणी जिलों में ठंडक का असर पहले से महसूस किया जा सकेगा। अगले सप्ताह यानी नवंबर की शुरुआत से ही मध्यप्रदेश में मौसम शुष्क होने लगेगा, लेकिन सुबह-शाम की ठंड में वृद्धि जारी रहेगी।









