नए साल की शुरुआत से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने देश के करोड़ों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को एक बड़ी खुशखबरी दी है। सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी दे दी है। यह आयोग देश के 50 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और लगभग 69 लाख पेंशनभोगियों के वेतन, भत्तों और पेंशन में सुधार से जुड़ी सिफारिशें तैयार करेगा। आयोग अपने गठन की तारीख से 18 महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा। इसमें एक अध्यक्ष, एक अंशकालिक सदस्य और एक सदस्य-सचिव शामिल होंगे। गौरतलब है कि 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त होगा, इसलिए 1 जनवरी 2026 से नया वेतन आयोग लागू होने की पूरी संभावना है।
वेतन और भत्तों में होने वाले बड़े बदलाव
हर बार की तरह इस बार भी कर्मचारियों की सैलरी में भारी वृद्धि की उम्मीद है। 7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 में गठित हुआ था और उसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गई थीं। उस समय कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹7,000 से बढ़कर ₹18,000 कर दी गई थी, क्योंकि उस समय फिटमेंट फैक्टर 2.57 निर्धारित किया गया था। अब 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर यह बेसिक वेतन ₹51,480 तक पहुंच सकता है, यदि फिटमेंट फैक्टर 2.86 रखा गया तो। हालांकि, अंतिम फैसला आयोग की रिपोर्ट और सरकार की स्वीकृति पर निर्भर करेगा।
वर्तमान में महंगाई भत्ता (DA) 58% है, जो जुलाई से दिसंबर 2025 तक लागू रहेगा। लेकिन जब 8वां वेतन आयोग लागू होगा, तो परंपरा के अनुसार DA को रीसेट कर 0% कर दिया जाएगा, और नई सैलरी संरचना उसी आधार पर बनेगी।
फिटमेंट फैक्टर का क्या मतलब है?
फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक होता है, जिससे किसी कर्मचारी के पुराने बेसिक वेतन को गुणा कर नया बेसिक वेतन निकाला जाता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी की बेसिक सैलरी ₹10,000 है और फिटमेंट फैक्टर 2.57 है, तो नई सैलरी ₹25,700 होगी। यही कारण है कि यह फैक्टर वेतन वृद्धि में अहम भूमिका निभाता है।
फिलहाल यह फैक्टर 2.57 है, लेकिन 8वें वेतन आयोग में इसे 2.28, 1.92 या 2.86 में से किसी स्तर पर तय किया जा सकता है। इसके अनुसार कर्मचारियों की सैलरी में 30 से 50% तक की बढ़ोतरी संभव है। अगर यह 2.86 पर तय होता है तो न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 हो जाएगी, जो अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि होगी।
कितनी बढ़ सकती है सैलरी — कुछ संभावित अनुमान
7वें वेतन आयोग में लागू फिटमेंट फैक्टर 2.57 से कर्मचारियों की सैलरी लगभग ढाई गुना बढ़ाई गई थी। अगर 8वें वेतन आयोग में भी ऐसा ही किया गया, तो वृद्धि इस प्रकार हो सकती है। फिटमेंट फैक्टर 1.92 होने पर बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹34,560 हो जाएगी। फिटमेंट फैक्टर 2.47 होने पर यह सैलरी ₹44,460 तक पहुंच सकती है। फिटमेंट फैक्टर 1.83 होने पर सैलरी लगभग ₹32,940 तक हो सकती है। फिटमेंट फैक्टर 2.86 तय हुआ तो यह सीधा ₹51,480 तक जा सकती है। इस बढ़ोतरी का असर केवल बेसिक वेतन पर ही नहीं बल्कि HRA, TA, DA और अन्य भत्तों पर भी पड़ेगा, क्योंकि ये सभी बेसिक पे के प्रतिशत के रूप में तय होते हैं।
पेंशनभोगियों को भी मिलेगा लाभ
8वें वेतन आयोग की सिफारिशों का फायदा न केवल वर्तमान कर्मचारियों बल्कि पेंशनभोगियों को भी मिलेगा। जैसे ही नए वेतनमान लागू होंगे, उसी अनुपात में पेंशन में भी वृद्धि होगी। पेंशनधारकों की बेसिक पेंशन में फिटमेंट फैक्टर के अनुपात में बढ़ोतरी होगी, जिससे उन्हें भी सीधा लाभ मिलेगा।
क्यों जरूरी है 8वां वेतन आयोग
महंगाई और जीवन यापन की लागत में निरंतर वृद्धि को देखते हुए नया वेतन आयोग कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आता है। इससे न केवल उनकी आय बढ़ती है, बल्कि खर्च करने की क्षमता में भी वृद्धि होती है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलता है। केंद्र सरकार के अनुसार, यह कदम कर्मचारियों की आर्थिक स्थिरता और प्रेरणा बढ़ाने के लिए बेहद आवश्यक है।
अगर सब कुछ तय समय पर हुआ तो 1 जनवरी 2026 से केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन दोनों में बड़ा इजाफा देखने को मिलेगा। आने वाले महीनों में इस आयोग के गठन की अधिसूचना और विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे, जिसके बाद कर्मचारियों की उम्मीदें और बढ़ जाएंगी।









