इंदौर के लोहा मंडी, पंचकुइया और गाड़ी अड्डा क्षेत्र में प्रशासन द्वारा लागू किए गए नो एंट्री नियमों के कारण ट्रांसपोर्ट कारोबार प्रभावित हो गया है। व्यापारियों का कहना है कि अब इन क्षेत्रों में माल की बुकिंग और सप्लाई सही तरीके से नहीं हो पा रही है। इसके विरोध में ट्रांसपोर्टरों ने आज से पार्सल बुकिंग और सप्लाई पूरी तरह बंद करने का निर्णय लिया है।
नो एंट्री के कारण कार्यालय और गोदाम बंद
एसोसिएशन ऑफ पार्सल ट्रांसपोर्ट एंड फीट ऑनर्स ने सोमवार से लोहा मंडी और अन्य क्षेत्रों में अपने कार्यालयों और गोदामों में माल की बुकिंग रोकने का ऐलान किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी ने बताया कि प्रशासन द्वारा लगाए गए नियमों के कारण उनका कारोबार लगातार प्रभावित हो रहा है। इससे न केवल स्थानीय बाजारों में जरूरी वस्तुओं की सप्लाई प्रभावित हो रही है, बल्कि अन्य शहरों में जाने वाले माल की पहुंच भी रुक गई है।
प्रवेश समय में कटौती से परेशानी
प्रशासन ने इन क्षेत्रों में सुबह छह बजे से रात 11 बजे तक ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। निवेदन करने पर केवल दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक ही मौखिक रूप से छूट दी जा रही है। लेकिन इसका कोई लिखित आदेश नहीं है। कम समय और अस्पष्ट नियमों के कारण ट्रांसपोर्टरों को माल लोडिंग और डिलीवरी में गंभीर परेशानी हो रही है।
नो एंट्री क्षेत्र में गाड़ियां नहीं भेजी जाएंगी
एसोसिएशन के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि बुकिंग रोकने के साथ ही नो एंट्री क्षेत्र में गाड़ियां भी नहीं भेजी जाएंगी। बाहर के ट्रांसपोर्टरों को भी सूचित कर दिया गया है कि वे सियागंज और लोहा मंडी के लिए माल न भेजें। लोहा मंडी में परचून की बुकिंग सबसे अधिक होती है, लेकिन अब यह पूरी तरह बंद रहेगी।
सप्लाई चेन पर बड़ा असर
इंदौर से प्रतिदिन करीब 1500 ट्रक माल लोडिंग होता है, जो प्रदेश के विभिन्न जिलों और पड़ोसी राज्यों तक जाता है। वहीं, इतने ही ट्रक अन्य शहरों से इंदौर पहुंचते हैं। नो एंट्री नियमों के कारण यह सप्लाई चेन बाधित हो रही है। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि प्रशासन से छूट न मिलने पर उनका कारोबार ठप हो सकता है और बाजारों में वस्तुओं की कमी होने का खतरा बढ़ जाएगा।
ट्रांसपोर्टरों की मांग
व्यापारी प्रशासन से पूर्व की तरह छूट की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि समयबद्ध और स्पष्ट निर्देश मिलने पर ही बुकिंग और सप्लाई सही तरीके से चल सकती है। इसके बिना ना सिर्फ व्यापार प्रभावित होगा, बल्कि आम जनता को भी जरूरी वस्तुएं समय पर नहीं मिल पाएंगी।