मध्यप्रदेश में बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने लोगों को गर्मी और उमस से बड़ी राहत दी है। अक्टूबर की शुरुआत में हुई तेज बारिश ने जहां फसलों को फायदा पहुंचाया, वहीं अब मौसम धीरे-धीरे साफ होने लगा है। मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश में रिकॉर्ड तोड़ बारिश का सिलसिला अब थमने की ओर है। अगले 24 घंटों में राज्य के 19 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, जिसके बाद धीरे-धीरे मानसून पूरी तरह से विदा लेने लगेगा। इस दौरान आंधी और बिजली गिरने की संभावना भी कुछ इलाकों में बनी हुई है।
इन जिलों में हो सकती है झमाझम बारिश
मौसम विभाग द्वारा जारी ताजा अपडेट के अनुसार, अगले 24 घंटों में श्योपुर, गुना, शिवपुरी, सागर, दमोह, कटनी, शहडोल, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, हरदा, नर्मदापुरम, रायसेन, भोपाल, सीहोर, देवास और रतलाम जिलों में बारिश के आसार हैं। इन जिलों में बादल छाए रहेंगे और कहीं-कहीं हल्की गरज के साथ झमाझम बारिश देखने को मिल सकती है। वहीं, इंदौर, उज्जैन और धार के कुछ हिस्सों में भी बूंदाबांदी का दौर रह सकता है।
पिछले 24 घंटे का बारिश रिकॉर्ड
सोमवार को प्रदेश के कई हिस्सों में तेज हवाओं और गरज-चमक के साथ बारिश दर्ज की गई। भोपाल, हरदा, रायसेन और गुना में जहां भारी बारिश हुई, वहीं इंदौर, देवास, मंदसौर, शाजापुर, आगर, बालाघाट, सिवनी, मंडला और कटनी में भी अच्छी बरसात देखने को मिली। इस बारिश ने एक ओर किसानों के चेहरों पर मुस्कान ला दी, तो दूसरी ओर कई निचले इलाकों में पानी भरने से लोगों को थोड़ी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा। हालांकि, अब हालात सामान्य होते दिख रहे हैं क्योंकि बारिश का दौर कमजोर पड़ चुका है।
क्यों हो रही है बारिश – क्या है सिस्टम
मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा के अनुसार, फिलहाल मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्से के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवातीय दबाव) सक्रिय है। यह सिस्टम ही इन दिनों हल्की बारिश की वजह बना हुआ है। हालांकि यह बहुत मजबूत नहीं है और धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है। बाकी मानसूनी सिस्टम अब प्रदेश से दूर जा चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि 9 अक्टूबर तक कुछ जिलों में हल्की बूंदाबांदी या गरज-चमक की संभावना रहेगी, लेकिन 10 अक्टूबर से आसमान साफ हो जाएगा और दिन में धूप खिली रहेगी। यानी अब बारिश का खतरा लगभग खत्म होने वाला है।
10 अक्टूबर से बदलेगा मौसम – लौटेगा सुहावना माहौल
मौसम विभाग की मानें तो 10 अक्टूबर के बाद पूरे प्रदेश में मौसम पूरी तरह साफ हो जाएगा। हवा में नमी कम होने लगेगी और तापमान में हल्की गिरावट दर्ज की जाएगी। दिन में हल्की गर्माहट और रात में ठंडक का अहसास शुरू हो जाएगा। यह समय नवरात्रि की तैयारियों और रबी फसलों की बुवाई के लिए अनुकूल माना जा रहा है। किसानों के लिए राहत की बात यह है कि अब भारी बारिश या बाढ़ जैसी स्थिति की कोई संभावना नहीं है।
12 जिलों से हो चुकी है मानसून की विदाई
मध्यप्रदेश में अब तक ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम जिलों से मानसून आधिकारिक रूप से विदा हो चुका है। वहीं राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्सों से भी मानसून की वापसी हो गई है। मौसम विभाग का कहना है कि इस बार मानसून ने राज्य में 16 जून को दस्तक दी थी, जो सामान्य तारीख से एक दिन देरी से पहुंचा था। आमतौर पर मानसून 6 अक्टूबर तक प्रदेश से पूरी तरह लौट जाता है, लेकिन इस बार बने नए सिस्टम के कारण इसकी विदाई में कुछ दिनों की देरी हो रही है।
लोगों को मिलेगी राहत – खत्म होगा जलभराव और उमस का दौर
लगातार हो रही बारिश से जहां कई जगह जलभराव की समस्या थी, वहीं अब राहत के आसार हैं। मौसम साफ होने के साथ ही निचले इलाकों से पानी निकलने लगेगा और उमस से भी राहत मिलेगी। अब राज्य में सुबह-शाम की ठंडक महसूस होने लगेगी और हवा में हल्की ठंड का असर बढ़ेगा। त्योहारों का मौसम भी अब साफ आसमान और सुहावने वातावरण के साथ शुरू होने जा रहा है।