इंदौर( Indore News ) – प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने गत दिवस दिल्ली में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से औपचारिक भेंट की। इस अवसर पर मंत्री सिलावट ने मध्यप्रदेश में जल आपूर्ति एवं कृषकों को बेहतर सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केन्द्रीय मंत्री शेखावत के समक्ष जरूरी मांगे रखी। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री शेखावत से केन-बेतवा परियोजना का कार्य शीघ्र प्रारम्भ किए जाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में केन-बेतवा लिंक परियोजना के मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (एम.ओ.ए.) पर जो सहमति बनी है, उसके लिये मंत्री शेखावत द्वारा किये गये अथक एवं स्तुत्य प्रयासों हेतु मध्यप्रदेश शासन उनका आभारी हैं।
उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय परियोजना के कार्यान्वयन के लिये 22 मार्च 2021 को दोनों राज्यों उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश तथा केन्द्र सरकार के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में संपन्न त्रिपक्षपीय समझौता ज्ञापन मध्य प्रदेश के सूखाग्रस्त एवं वंचित बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण जीवन दायिनी एवं ऐतिहासिक फैसला है। मंत्री सिलावट ने बुंदेलखण्ड क्षेत्र में पानी की आपूर्ति के लिये उक्त परियोजना के अतिशीघ्र कार्यान्वयन को मूर्त रूप देने हेतु मंत्री शेखावत से अनुरोध किया।
जल संसाधन मंत्री सिलावट ने एआईबीपी में प्रस्तावित लघु सिंचाई योजनाओं एवं एसआईएमपी के अंतर्गत सम्मिलित योजनाओं की स्वीकृति के संबंध में भी चर्चा की। उन्होंने केंद्रीय मंत्री शेखावत को बताया कि मध्यप्रदेश जल संसाधन विभाग के अंतर्गत प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त 63 लघु सिंचाई योजनाओं के त्वरित सिंचाई लाभ योजना (ए.आई.बी.पी.) के प्रस्ताव केन्द्रीय जल आयोग को प्रस्तुत किये गए हैं। इन 63 लघु सिंचाई योजनाओं की कुल लागत लगभग 35,960.01 लाख रूपये है। योजनाओं का कार्य पूर्ण होने पर 18 हजार 580 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता निर्मित किए जाने का लक्ष्य है। इन 63 लघु सिंचाई परियोजनाओं में कुल केन्द्रीय सहायता की पात्रता 20,151.16 लाख रूपये है, जिसमें से वर्ष 2020-21 के लिए 10,075.585 लाख रूपये स्वीकृति उपरांत प्राप्त करने की पात्रता है।
केन्द्रीय जल आयोग द्वारा लागू सपोर्ट फॉर इरीगेशन मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (एसआईएमपी) के अंतर्गत मध्यप्रदेश जल संसाधन विभाग द्वारा मुख्य अभियंता,परफॉर्मेंस ओवरव्यू एंड मैनेजमेंट इंप्रूवमेंट ऑर्गेनाइजेशन केन्द्रीय जल आयोग, नई दिल्ली को 4 योजनाओं के प्रस्ताव भेजे गये है। इन चार प्रस्तावित योजनाओं के आधुनिकीकरण पर कुल 49,991.85 लाख रूपये की लागत आएगी। मंत्री सिलावट ने कहा कि मध्यप्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है, राज्य के सैच्य क्षेत्र को बढ़ाने के उद्देश्य से इन लघु सिंचाई परियोजनाओं को समय पर पूर्ण करना आवश्यक है।
उन्होंने केन्द्रीय मंत्री शेखावत से प्रस्तावित 63 लघु सिंचाई योजनाओं को त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम में सम्मिलित करने एवं राज्य की चयनित परियोजनाओं के आधुनिकीकरण के प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया। इसके साथ ही मंत्री सिलावट ने प्रदेश में अतिवृष्टि से हुई हानि से कृषिजनों को राहत प्रदान करने हेतु आवश्यक राशि की माँग भी केन्द्रीय मंत्री शेखावत से की। इसके अतिरिक्त मंत्री सिलावट ने मध्य प्रदेश में प्रधान मंत्री सिंचाई परियोजना, कमांड क्षेत्र परियोजना, राज्य आपदा मोचन निधि के लिए राशि स्वीकृति प्रदान किए जाने का अनुरोध भी किया ताकि मध्य प्रदेश की सिंचाई योजनाओ को गति प्रदान की जाकर किसानो को अधिकतम सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।