किसानों के लिए एक ऐसी फसल है, जो उन्हें तगड़ा मुनाफा दिला सकती है, और वह है लाह की खेती। इस विशेष उत्पाद की बाजार में अत्यधिक मांग और कीमतें बहुत अधिक हैं। इसका उपयोग चूड़ी, गोंद, लहठी, क्रीम, विद्युत यंत्र, पॉलिश, सीमेंट और स्याही बनाने में किया जाता है।
इस कारण से, लाह से बने उत्पाद बाजार में दोगुनी कीमत पर बिकते हैं। आइए, जानते हैं लाह की खेती के फायदे और इससे होने वाली कमाई के बारे में।

लाह की खेती का महत्व और उपयोग
लाह एक प्राकृतिक राल है, जो विभिन्न उद्योगों में उपयोगी होती है। इसका इस्तेमाल चूड़ियों, गोंद, लहठी, क्रीम, विद्युत उपकरणों, पॉलिश, और खास सीमेंट एवं स्याही बनाने में किया जाता है। इन उत्पादों की बाजार में उच्च कीमत होती है, और लाह से बने सामान की कीमत भी दोगुनी हो सकती है। इस राल की विशेषताएँ इसे कई उद्योगों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण बनाती हैं। इसका व्यापार तेजी से बढ़ रहा है, जिससे किसानों के लिए यह खेती एक लाभकारी विकल्प बन गया है।
लाह की खेती के लिए उपयुक्त पेड़ और मौसम
लाह की खेती के लिए किसानों को खास पेड़ों की आवश्यकता होती है। इसके लिए मुख्य रूप से पलाश, बेर और कुसुम के पेड़ों का चयन किया जाता है। लाह की खेती जुलाई महीने में बेर के पेड़ों पर और जनवरी में कुसुम के पेड़ों पर की जाती है। इन पेड़ों पर एक खास कीड़ा (लेच) लगाया जाता है, जो लाह नामक राल का उत्पादन करता है। इस खेती के लिए कीटनाशकों और कवकनाशकों का उपयोग किया जाता है, ताकि फसल सुरक्षित और उत्तम गुणवत्ता की हो।
लाह की खेती से कितनी कमाई हो सकती हैं
लाह की खेती से किसानों को शानदार मुनाफा हो सकता है। वर्तमान बाजार में लाह की कीमत लगभग 500 से 900 रुपये प्रति किलो तक है। एक पेड़ से लगभग 100 से 120 किलो लाह प्राप्त हो सकता है। यदि किसान 100 पेड़ लगाते हैं, तो उन्हें करीब 120 क्विंटल लाह मिल सकता है। इससे उनका कुल मुनाफा कई लाख रुपये तक पहुंच सकता है। लाह की खेती से किसानों को एक स्थिर और उच्च आय का स्रोत मिलता है, जो लंबे समय तक उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान कर सकता है।