उज्जैन (Ujjain Makahal Mandir): श्रावण-भादौ मास में भगवान महाकाल की आखिरी दो सवारियां बाकि है। ऐसे में इन दोनों सवारियों पर दो महापर्वों का संयोग बन रहा है। बता दे, 30 अगस्त को निकलने वाली सवारी वाले दिन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पड़ रही है वहीं 6 सितंबर को निकलने वाली सवारी के दिन सोमवती अमावस्या का महासंयोग बन रहा है। ऐसे में ये दोनों दिन ही बेहद खास माने जा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि इससे पहले सन् 2017 में इस प्रकार की स्थिति निर्मित हुई थी। इसी प्रकार का अगला संयोग सन् 2024 में निर्मित होगा। ज्योतिषों के मुताबिक, भाद्रपद मास की श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तथा अमावस्या तिथि इस बार सोमवार के दिन आ रही है। ऐसे में उज्जैन के दृष्टिकोण से इन तिथियों का महत्व और भी बढ़ जाता है।
ये भी पढ़े: Love Horoscope: इन राशि वालों के वैवाहिक जीवन में आएंगे ये बदलाव, जानिए कैसी रहेगी लव लाइफ
कहा जाता है कि धर्मधानी में भादौ मास की अमावस्या तक के प्रत्येक सोमवार पर भगवान महाकाल की सवारी भी निकलती है। दरअसल, इस बार भी भादौ की आखिरी दोनों सवारी महापर्वों के संयोग में निकलेगी। खास बात ये है कि सोमवार को जन्माष्टमी पर निकलने वाली सवारी में हरि हर मिलन का विशेष महत्व है।
लेकिन इन दिनों सवारी नए छोटे मार्ग से निकाली जा रही है। ऐसे में गोपाल मंदिर पर हरि हर मिलन नहीं हो पाएगा, बता दे, महाकाल मंदिर में सभा मंडप से पालकी बाहर लाते वक्त श्री साक्षी गोपाल मंदिर पर यह उत्सव मनाया जा सकता है। ऐसे में सवारी के दौरान महाकाल चंद्रमौलेश्वर और मनमहेश रूप में भक्तों को दर्शन देंगे।
हमारे फेसबूक पेज को लाइक करे: https://www.facebook.com/GHMSNNews