MP के सरकारी कॉलेजों में होगी अब दो शिफ्ट में पढ़ाई, हर कॉलेज की होगी स्टेट लेवल ग्रेडिंग, हर संभाग में होगा मेगा GK कॉम्पिटिशन

मध्यप्रदेश सरकार ने उच्च शिक्षा को आधुनिक, रोजगारोन्मुखी और प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब सरकारी कॉलेज दो शिफ्ट में चलेंगे, रिसर्च और कृषि शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, और प्राध्यापकों की भर्ती MPPSC से होगी। साथ ही, डिजिटल शिक्षा और विद्यार्थियों की उपस्थिति को क्रेडिट स्कोर से जोड़ने जैसे नवाचार लागू किए जाएंगे।

Srashti Bisen
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मध्यप्रदेश सरकार अब राज्य की उच्च शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक, रोजगारोन्मुखी और प्रतिस्पर्धात्मक बनाने की दिशा में बड़े कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में कई अहम निर्णय लिए, जो प्रदेश के कॉलेजों और विद्यार्थियों के भविष्य को नया आयाम देंगे।

अब राज्य के सभी सरकारी कॉलेज दो शिफ्ट में संचालित होंगे, जिससे अधिक छात्रों को उच्च शिक्षा का अवसर मिल सकेगा। इसके साथ ही कॉलेजों की स्टेट लेवल पर ग्रेडिंग की जाएगी, ताकि उनकी गुणवत्ता का मूल्यांकन पारदर्शी तरीके से किया जा सके।

सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता और ज्ञान महाकुंभ का आयोजन

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि हर संभाग में सामान्य ज्ञान की प्रतियोगिता आयोजित की जाए, जिससे विद्यार्थियों का बौद्धिक स्तर बढ़े और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए वे बेहतर तरीके से तैयार हो सकें। साथ ही, प्रदेश के युवाओं को एक मंच पर लाने के लिए “ज्ञान महाकुंभ” नाम से एक बड़ा आयोजन किया जाएगा, जहां उन्हें मार्गदर्शन मिलेगा।

उपस्थिति को क्रेडिट स्कोर से जोड़ा जाएगा

उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि विद्यार्थियों की दैनिक उपस्थिति को अब उनके क्रेडिट स्कोर से जोड़ा जा रहा है, जिससे उनकी कक्षा में उपस्थिति बढ़ेगी और पढ़ाई में निरंतरता बनी रहेगी।

सर्वश्रेष्ठ कॉलेज, प्राचार्य और शिक्षक होंगे सम्मानित

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में तीन श्रेणियों, सर्वश्रेष्ठ कॉलेज, सर्वश्रेष्ठ प्राचार्य और सर्वश्रेष्ठ शिक्षक के लिए पुरस्कार देने की परंपरा शुरू करने के निर्देश दिए। इसके तहत उत्कृष्ट कार्य करने वालों को राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।

रिसर्च को मिलेगा संस्थागत समर्थन

सीएम ने कहा कि कॉलेजों में रिसर्च सेंटर स्थापित किए जाएं ताकि छात्रों को शोध के क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर मिल सके। इसके साथ ही भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा देने की बात भी कही गई, जिससे युवाओं में विज्ञान और तकनीकी के प्रति रुचि जागृत हो।

कृषि शिक्षा को मिलेगी प्राथमिकता

प्रदेश के अधिकतर कॉलेजों में B.Sc. एग्रीकल्चर (कृषि) कोर्स शुरू किए जाएंगे, जिससे छात्रों की कृषि विज्ञान और कृषि आधारित उद्योगों में रुचि बढ़े। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि चयनित कॉलेजों में इसी शैक्षणिक सत्र से यह पाठ्यक्रम शुरू किया जाए।

PM कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में रोजगारपरक पाठ्यक्रम

प्रदेश के 55 जिलों में संचालित 37 प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस और 5 विश्वविद्यालयों में इस समय 7 प्रकार के रोजगार आधारित डिग्री और डिप्लोमा कोर्स संचालित हो रहे हैं, जिनमें लगभग 1200 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। मुख्यमंत्री ने इन कॉलेजों में प्रगति की समीक्षा भी की।

प्राध्यापकों की भर्ती लोक सेवा आयोग से

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकारी विश्वविद्यालयों में प्राध्यापकों की भर्ती अब सिर्फ मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) के माध्यम से ही की जाएगी, जिससे पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।

डिजिटल शिक्षा और बुनियादी ढांचे में निवेश

राज्य सरकार ने विश्व बैंक प्रोजेक्ट के तहत कॉलेजों में कंप्यूटर लैब और अन्य आवश्यक सुविधाएं विकसित करने का निर्णय लिया है। साथ ही, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत सेमेस्टर प्रणाली को लागू करने और सभी निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।