इंदौर। देश में धीरे-धीरे रिश्वत की लेन-देन बढ़ती जा रही है। वहीं अब इंदौर नगर निगम के जनकार्य कार्यालय में पदस्थ सिटी इंजीनियर और एक महिला कर्मचारी को लोकायुक्त पुलिस ने सोमवार यानी आज रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। दरअसल, कर्मचारी ने एक कंपनी से बिल पास कराने के लिए तीन प्रतिशत की रिश्वत की मांग की थी। वहीं कर्मचारी की अलमारी में से पुलिस को तीन से चार लाख रुपये मिले है। लोकायुक्त पुलिस ने विजय सक्सेना और जनकार्य विभाग में बिल शाखा की क्लर्क हेमाली वैद्य को गिरफ्तार किया है।
साथ ही पुलिस ने बताया कि रूद्र कंस्ट्रक्शन इंदौर के धीरेंद्र चौबे ने लोकायुक्त पुलिस से इस बात की शिकायत की थी। रूद्र कंस्ट्रक्शन द्वारा बिजासन टेकरी पर पिछले तीन सालों से नगर निगम के उद्यान का निर्माण किया जा रहा था। इस काम का अंतिम भुगतान करीब नौ लाख रुपये था। इस बिल को पास करने के लिए सिटी इंजीनियर विजय सक्सेना और बिल शाखा की क्लर्क ने कुल राशि के तीन प्रतिशत कमीशन के तौर पर रिश्वत की मांग की। धीरेंद्र ने इस बात की शिकायत लोकायुक्त पुलिस को की और साथ ही उन्हें बातचीत की रिकार्डिंग भी मुहैया करा दी।
इसके बाद पुलिस ने रणनीति बनाई। प्लान के अनुसार ही धीरेंद्र ने वीरेंद्र को ऑफिस में उसी के कक्ष में जाकर 25 हजार रुपये दिए। यह राशी वीरेंद्र ने हेमाली को दी, जिसने उसे अलमारी में रख दिया। इसके बाद पुलिस ने इन दोनों को पकड़ लिया। धीरेंद्र से प्राप्त रुपयों के अतिरिक्त भी यहां कुछ और रुपये मिले, जो करीब तीन से चार लाख हैं। पुलिस आरोपितों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संशोधित अधिनियम 2018 की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है।