मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सनातन संस्कृति का अद्वितीय महत्व है, और मानव जीवन सत्कर्म के लिए ही मिला है। उन्होंने कहा कि कथा श्रवण के जरिए जीवन के मूल दर्शन और सदमार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। गौमाता की सेवा को भगवान की सेवा के समान बताया और कहा कि संत कमल किशोर नागर महाराज गौ सेवा के महान संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। उनके प्रयासों से मालवा, निमाड़ और आदिवासी अंचलों सहित प्रदेशभर में गौपालन का कार्य निस्वार्थ भाव से किया जा रहा है, जो प्रशंसा के योग्य है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भगवद् गीता से हमें कर्म के प्रति समर्पण और आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे ऐसे सदकर्म करें, जिससे उनकी अगली पीढ़ी पुण्य के पथ पर चल सके और मानव जीवन को सार्थक बना सके। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह विचार इंदौर जिले के सांवेर स्थित चित्तौड़ा में श्रीमद्भागवत गौशाला में आयोजित भागवत कथा के दौरान व्यक्त किए।
भगवान श्रीकृष्ण के संदेश का राज्यभर में प्रचार करेगी सरकार
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्रीमद भागवत गौशाला चित्तौड़ा की भूमि को गौशाला के नाम करने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने गीता जयंती के आयोजन के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण के कर्म के संदेश को पूरे प्रदेश में फैलाने का प्रयास किया है। संत कमल किशोर नागर ने निस्वार्थ भाव से गौशाला संचालन के लिए जो प्रेरणादायक पहल की है, वह सराहनीय है। उनके प्रयासों ने समाज को एक नई दिशा देने वाले कई आदर्श प्रस्तुत किए हैं। मुख्यमंत्री ने जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट के प्रयासों की भी प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में चल रहे नदी जोड़ो अभियान से विकास को नई गति मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसंबर को केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना का शुभारंभ करेंगे, जो इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में दो प्रमुख नदी जोड़ो परियोजनाओं से करीब 25 जिलों में सिंचाई का क्षेत्रफल बढ़ेगा। इसका विशेष लाभ मालवा और बुंदेलखंड को मिलेगा, जिससे इन क्षेत्रों में विकास को नई दिशा मिलेगी और प्रदेश का बड़ा हिस्सा इस अभियान से लाभान्वित होगा।
दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर प्रदेश का कदम
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गोवंश पालन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि “घर-घर गोपाल और गांव-गांव वृंदावन” के लक्ष्य को साकार करने के लिए प्रदेश के 313 ब्लॉकों में ऐसे गांव, जहां 500 से अधिक गोवंश हैं, उन्हें वृंदावन गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। इन गांवों को आदर्श गांव बनाया जाएगा। साथ ही, 10 या अधिक गाय पालने वाले पशुपालकों को अनुदान देकर प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि गोपालन को घर-घर तक पहुंचाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि भविष्य में दूध की खरीदी पर बोनस दिया जाएगा, जिससे दूध उत्पादन में वृद्धि हो और प्रदेश दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने। गोपालन के प्रति जनता में रुचि बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने संत कमल किशोर नागर के गोवंश संरक्षण और गौशाला संचालन में किए जा रहे उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की। मंच से उन्होंने संत नागर का शाल भेंटकर अभिनंदन किया और व्यास पीठ का पूजन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव को साफा बांधकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विधायक रमेश मेंदोला, चिंदू वर्मा, श्रीमद् भागवत गौशाला चित्तौड़ा के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में धर्मप्रेमी कथा श्रवण के लिए उपस्थित थे।