गुजरात टाइटन्स ने 2025 IPL मेगा नीलामी से पहले अपनी टीम को मजबूत करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सामरिक परिवर्तन किए हैं। टीम ने अनुभवी गेंदबाजों और मजबूत बल्लेबाजों को जोड़ा है ताकि वे संतुलित और गहरी टीम बना सकें। हालांकि, इन बदलावों के बावजूद टीम के सामने कुछ गंभीर समस्याएँ आ सकती हैं, जो उनके 2025 सीज़न के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती हैं।
आइए जानते हैं वो प्रमुख कमजोरियाँ जो गुजरात टाइटन्स को अगले सीजन में चुनौती दे सकती हैं…
फिनिशर की कमी
गुजरात टाइटन्स के पास एक मजबूत और स्थिर शीर्ष क्रम है, लेकिन टीम को मैच को अंत तक ले जाने और जीतने के लिए एक भरोसेमंद फिनिशर की कमी महसूस हो रही है।
- राहुल तेवतिया, हालांकि दबाव में अच्छे प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं, लेकिन उनके प्रदर्शन में निरंतरता की कमी है, जो टीम के लिए एक चिंता का विषय हो सकता है।
- शाहरुख खान को फिनिशर के रूप में अपनी जगह बनाने का मौका दिया गया है, लेकिन वह अभी तक आईपीएल में खुद को इस भूमिका में पूरी तरह से साबित नहीं कर पाए हैं।
- इसके अलावा, शेरफेन रदरफोर्ड जैसे खिलाड़ियों को भी अपनी क्षमता साबित करने का अभी तक मौका नहीं मिला है। अगर ये खिलाड़ी महत्वपूर्ण मौकों पर अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाते, तो गुजरात टाइटन्स के लिए मैच खत्म करना एक बड़ी चुनौती बन सकता है।
डेथ बॉलिंग की समस्या
गुजरात टाइटन्स के पास अच्छे तेज गेंदबाजों का अच्छा समूह है, जिनमें कागिसो रबाडा, मोहम्मद सिराज, और शिवम मावी जैसे गेंदबाज शामिल हैं, लेकिन डेथ बॉलिंग में एक विशेषज्ञ की कमी महसूस हो रही है।
- रबाडा को अक्सर डेथ ओवरों में रन लुटाते हुए देखा गया है, और उनके गेंदबाजी आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं। वह आखिरी ओवरों में दबाव बनाने में पूरी तरह से सक्षम नहीं रहे हैं।
- मोहम्मद सिराज भी कई बार रन लुटाने के लिए जाने जाते हैं, और उनके ऊपर महत्वपूर्ण स्थितियों में गेंदबाजी करने का दबाव होता है।
- डेथ ओवरों में कमजोर गेंदबाजी रणनीति गुजरात टाइटन्स के लिए खतरनाक साबित हो सकती है, खासकर तब जब उन्हें बड़े लक्ष्य का पीछा करना हो।
घरेलू बल्लेबाजी में गहराई की कमी
गुजरात टाइटन्स को अपनी घरेलू बल्लेबाजी में गहराई की कमी महसूस हो रही है। यदि उनके प्रमुख बल्लेबाज चोटिल होते हैं या फॉर्म खो देते हैं, तो टीम को प्रभावी बल्लेबाजी विकल्पों की तलाश में मुश्किलें आ सकती हैं।
- निशांत सिंधु, कुमार कुशाग्र और अन्य युवा खिलाड़ी जैसे अनुज रावत और महिपाल लोमरोर के पास आईपीएल का अधिक अनुभव नहीं है। अगर इन खिलाड़ियों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, तो यह टीम के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है।
- इन खिलाड़ियों को बड़े मैचों में अपने प्रदर्शन से टीम को मदद करने की आवश्यकता होगी, लेकिन अगर वे उम्मीदों पर खरे नहीं उतरते हैं, तो गुजरात टाइटन्स को बल्लेबाजी क्रम में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।