Cold Home Remedies: मौसम बदलते ही शरीर पर कई तरह के असर होने लगते हैं, और इसका सबसे ज्यादा प्रभाव लंग्स पर पड़ता है। क्योंकि सांस लेने के दौरान हवा में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस सीधे फेफड़ों तक पहुंच सकते हैं, जिससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। मौसम में बदलाव का असर खासतौर पर नॉर्थ इंडिया में देखा जा रहा है, जहां सुबह और शाम हल्की ठंडक महसूस हो रही है। ऐसे मौसम में आमतौर पर लोग बीमारियों का शिकार हो जाते हैं, जैसे खांसी, जुकाम, भारीपन, और थकान।
आइए जानते हैं, इस बदलाव के कारण और इससे बचाव के उपाय…
मौसम में बदलाव के कारण स्वास्थ्य समस्याएं
मौसम के बदलाव से शरीर में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। खासकर खांसी, जुकाम, घरघराहट, और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं बहुत सामान्य हैं। ठंडी हवा जब हमारी सांस की नलियों में प्रवेश करती है, तो यह सूजन पैदा कर सकती है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है। इस समस्या का असर विशेष रूप से उन लोगों पर ज्यादा होता है, जिनको पहले से फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां हैं।
इसके अलावा, मौसम के बदलाव के साथ आर्द्रता के स्तर में उतार-चढ़ाव होता है, जो राइनोवायरस के लिए आदर्श वातावरण बनाता है। यह वायरस जुकाम का मुख्य कारण है। सर्दियों और गर्मियों के दौरान वायु प्रदूषण भी बढ़ जाता है, जो अस्थमा और अन्य फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए और भी खतरनाक साबित हो सकता है। इस मौसम में बढ़ते वायु प्रदूषण से बचाव जरूरी है, ताकि श्वसन तंत्र को सुरक्षित रखा जा सके।
मौसम से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव के उपाय
ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें: ह्यूमिडिफायर को कमरे में लगाने से हवा में नमी बनी रहती है, जिससे गले और श्वसन नलियों में सूखापन कम होता है। यह खांसी को राहत देने में मदद कर सकता है।
तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाएं: बहुत सारा पानी और अन्य तरल पदार्थ पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है और बलगम पतला हो जाता है, जिससे खांसी और जुकाम में आराम मिलता है।
नमक के पानी से गरारे करें: गरम पानी में नमक डालकर गार्गल करने से गले की सूजन कम हो सकती है और खांसी में राहत मिल सकती है। यह एक आसान और प्रभावी घरेलू उपाय है।
मास्क पहनें: यदि आप बाहर काम करते हैं या प्रदूषण वाले इलाके में रहते हैं, तो मास्क पहनना फायदेमंद हो सकता है। यह वायरस और प्रदूषण से बचाव में मदद करता है और श्वसन तंत्र को सुरक्षित रखता है।
इनहेलर का इस्तेमाल करें: अस्थमा से ग्रस्त लोगों को विशेष रूप से अपने डॉक्टर के निर्देशानुसार इनहेलर का उपयोग करना चाहिए। यह सांस लेने में मदद करता है और श्वसन तंत्र को साफ रखता है।
हाइड्रेटेड रहें: सर्दी और खांसी से बचाव के लिए शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है। पानी, जूस, शोरबा आदि पीकर आप अपनी सेहत को बनाए रख सकते हैं।
संतुलित आहार लें: अपनी डाइट में फलों और सब्जियों को शामिल करें। यह न केवल आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाएगा, बल्कि सर्दी-जुकाम और अन्य बीमारियों से लड़ने में भी मदद करेगा।
फ्लू का टीका लगवाएं: फ्लू के टीके से आपके शरीर को मौसमी संक्रमण से बचाव मिल सकता है। खासकर उन लोगों को फ्लू का टीका लगवाना चाहिए जो अस्थमा, दिल की बीमारियों या किसी अन्य पुरानी बीमारी से जूझ रहे हैं।